June 29, 2025 |

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स्कूली बच्चों के अरमानों को लगे पंख, सुकमा के नक्सल प्रभावित गांव मोरपल्ली में बना पक्का स्कूल भवन

इंटरनेट की सुविधा भी सुलभ हुई मोरपल्ली वासियों को

Gram Yatra Chhattisgarh
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दुनिया फोर जी से फाइव जी जनरेशन की ओर बढ़ चुकी है, लेकिन विकासशील भारतवर्ष में कई इलाके आज भी ऐसे है, जहां इंटरनेट, वाट्सअप, वीडियो कॉल जैसी बातें मानों तारों से बातें करने जैसी हो। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के सघन नक्सल प्रभावित सुकमा जिले की, जिसकी पहचान कल तक एक घुप्प अंधेरे से बढ़कर कुछ नहीं थी, लेकिन बदलती सोच, शासन-प्रशासन की सक्रियता और सुरक्षा बलों के प्रयासों ने सुकमा के इस काले अंधेरे को हटाकर, इस जिले की तस्वीर और तकदीर बदलने में कामयाब हो रही है।

बुधवार का दिन मोरपल्ली वासियों के लिए खास था। वजह थी नवनिर्मित स्कूल बिल्डिंग का लोकार्पण, जिसकी सौगात कलेक्टर ने वर्चुअली दी। पक्की छत पाकर मानों बच्चों के साथ ग्रामीणों के अरमानों को पंख लगे हो। गांव में जैसे जश्न का माहौल था, ढोल की थाप पर बच्चे, जवान और बूढ़े हर कोई थिरकता रहा। यह जोश, उल्लास, उत्सव मानों मोरपल्ली गांव का स्वर्णिम भविष्य को बयां कर रहा हो। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 58 किमी दूर मोरपल्ली गांव में विकास की इबारत लिखी गई है। यहां सलवा जुडूम के दौर में बंद पड़े प्राईमरी स्कूल का ना सिर्फ पुनः संचालन शुरू हुआ बल्कि झोपड़ी में शिक्षा ग्रहण करने की मजबूरी से भी बच्चों को मुक्ति मिली है। करीब डेढ़ दशक बाद मोरपल्ली में पक्का स्कूल भवन का सपना साकार है। इतना ही नहीं शिक्षा में हुई प्रगति के साथ-साथ यह गांव अब संचार सेवा से भी जुड़ गया है। जिसकी बदौलत अब कमोवेश हर हाथ में एंड्राईड फोन है। इंटरनेट की बदौलत ग्रामीण आधुनिकमा से रूबरू हो रहे हैं।

पहली बार मोबाईल पर वीडियो कॉल देख ग्रामीणों में गजब का उत्साह और गांव में स्कूल के पुनः प्रारंभ होने की खुशी थी। इसी दौरन गांव में मोबाइल की घंटी बजना भी सभी के लिए सुखद आश्चर्य था। वीडियो कॉल पर बातें करना ग्रामीणों के लिए मानो चांद-सितारों से बातें करने जैसा था।

पिछले 16 वर्षों से बन्द पड़े स्कूल, आश्रम पुनः प्रारंभ होने से जिले के बच्चों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। शिक्षा सुलभ होने से सुकमा के बच्चे भी अपना सुनहरा भविष्य गढ़ पाऐंगे। नया स्कूल भवन बनने से बच्चोें को पढ़ाई में सुविधा होेगी और वे निश्चिंत होकर, पूरी लगन से पढ़ाई करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में सुकमा जिले में विकास सुनिश्चित हुआ है। अंदरुनी क्षेत्रों में सड़क, स्वास्थ्य सुविधा, बेहतर शिक्षा और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

कलेक्टर विनीत नन्दनवार ने बच्चों को सफलता के मंत्र देते हुए कहा कि आप लगातार मेहनत करें, पढ़ाई करें, आप सिर्फ कोंटा, सुकमा, छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश में अलग पहचान बनायेंगे। उन्होंने कहा कि शासन की मंशानुरुप जिले में सलवा जुडुम के दौरान बन्द हो चुके स्कूल, आश्रम को पुनः प्रारंभ किया जा रहा है। प्रशासन लगातार नए स्कूल आश्रम भवन बनवा रही है, ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध हो सके। मोरपल्ली में नवीन स्कूल भवन इसी का उदाहरण है। जल्द ही अन्य अधूरे भवनों को भी पूर्ण कर लिया जाएगा।

 

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