छत्तीसगढ़

आदिम जाति कल्याण विभाग : जिन युवाओं को नौकरी देना बताया, वे खेत में काम करते मिले

रायपुर में सहायक आयुक्त पद पर रहते की धोखाधड़ी, जांच में खुलासा

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रायपुर । आदिम जाति कल्याण विभाग दुर्ग के सहायक आयुक्त आरके सिदार को राज्य शासन ने सस्पेंड कर दिया है। सिदार को सिर्फ दो मामलों में सस्पेंड किया है। रायपुर में सहायक आयुक्त रहते सिदार ने विभाग में एसटी-एससी छात्रों को ट्रेनिंग देकर नौकरी दिलाने के नाम पर दो करोड़ रुपए से ज्यादा की धांधली की। जिन छात्रों को कागजों में नौकरी देना बताया है, वो असल में आज भी अपने गांवों में खेती-किसानी कर रहे हैं।
सिदार के खिलाफ हुए जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरटीआई के तहत ली गई जानकारी में यह निकल कर आया है। वर्ष 2010 से 2011 तक रायपुर में ट्रेनिंग के लिए 450 सीटें तय की गई। दस्तावेजों में 386 छात्रों को ट्रेनिंग देने का उल्लेख है। हरेक एसटी-एससी छात्रों को ट्रेनिंग के दौरान योजना के तहत प्रशिक्षण देना था। महाराष्ट्र की एजेंसी से अनुबंध किया। उन्हें एडवांस में राशि भी दी गई। संस्था को प्रत्येक छात्र की दर से 48 हजार रुपए देना भी तय किया गया। ट्रेनिंग हुई नहीं और भुगतान पूरा हुआ।
सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों के अनुसार जिन प्रशिक्षणार्थियों को नौकरी देना बताया गया है, वे अपने गांव में आज भी बेरोजगार हैं। खेती-बाड़ी से अपना पेट पाल रहे हैं। उनकी आर्थिक स्थिति पहले से भी बदतर हो गई है। प्रशिक्षणार्थियों का कहना है कि ट्रेनिंग से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन एजेंसी और अफसरों की मिलीभगत से ट्रेनिंग नहीं मिली।
शिक्षा मंत्री साय ने दिए हैं जांच के आदेश
नियम विरूद्ध स्कॉलरशिप- इसके बाद आरके सिदार ने 2011 से 2012 में सीवी रमन विश्वविद्यालय के 62 छात्र-छात्राओं के नाम से नियम के विरुद्ध 5 लाख 57 हजार की छात्रवृत्ति की राशि का घोटाला किया। आदिम जाति कल्याण विभाग रायपुर के अधिकारियों ने वर्ष 2014 से लेकर 2017 के बीच में छात्रवृत्ति की राशि नियम विरुद्ध निकाली है। नियमानुसार छात्रवृत्ति की राशि बच्चों के बताए खाते में ही स्थानांतरित की जा सकती है, लेकिन अधिकारियों ने चेक और नकद के रूप में निकाली है। यह रकम कहां खर्च किए इसका भी हिसाब नहीं है। अभी सिदार दुर्ग में पोस्टेड है। जहां से उन्हें सस्पेंड किया गया। जशपुर में पदस्थ रहते हुए सिदार ने तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को नियम के विरुद्ध नियुक्ति व पदोन्नति कर 1 करोड़ से ज्यादा की राशि का भुगतान किया गया। जिसकी वसूली आज तक नहीं की जा सकी है।
शहडोल में निलंबित हुए थे सिदार
आदिमजाति कल्याण विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत आरके सिदार को लेकर युवा जोगी जनता कांग्रेस के रायपुर शहर उत्तर के अध्यक्ष सैय्यद उमैर ने भी रायपुर में प्रेसवार्ता लेकर बताया था कि सन् 1999 से 2000 में मध्यप्रदेश के शहडोल में शिक्षा अधिकारी रहते हुए 32 लाख से ज्यादा का घोटाला आरके सिदार द्वारा किया गया था। इस वजह से उन्हें निलम्बित कर दिया गया था।
सस्पेंड किया है, इसकी भी जांच करवाएंगे
आरके सिदार के खिलाफ स्कॉलरशिप में अनियमितता सामने आई थी तो उसे सस्पेंड किया गया। आदिवासी युवाओं को ट्रेनिंग देने के नाम पर जो घोटाला हुआ है, उसकी भी जांच करवाई जाएगी। मामले में दोषी कोई भी हो, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रेमसाय सिंह टेकाम, मंत्री, स्कूल एवं आदिम जाति कल्याण विभाग, छग

 
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