छत्तीसगढ़

हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: जूनियर को प्रभारी प्राचार्य बनाने का आदेश निरस्त

माननीय न्यायालय ने 18 जुलाई 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा जारी आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय दिया और प्रभारी प्राचार्य के पद पर उनकी पुनः बहाली का मार्ग प्रशस्त कर दिया।

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हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: जूनियर को प्रभारी प्राचार्य बनाने का आदेश निरस्त

कोरबा। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में जूनियर अधिकारी को प्रभारी प्राचार्य नियुक्त किए जाने के आदेश को असंवैधानिक मानते हुए रद्द कर दिया है। यह मामला कोरबा जिले के विकासखंड करतला अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनकी का है, जहां वरिष्ठ व्याख्याता बी.एन. यादव को हटाकर उनके जूनियर सी.एल. पटेल को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया था।

उक्त नियुक्ति को चुनौती देते हुए बी.एन. यादव ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और घनश्याम कश्यप के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की एकल पीठ में हुई सुनवाई में अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने इस तर्क के साथ अपनी बात रखी कि इस प्रकार की नियुक्ति छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के सर्कुलर दिनांक 16 मई 2012, 7 फरवरी 2013 तथा 14 जुलाई 2014 का स्पष्ट उल्लंघन है।

उक्त सर्कुलरों में यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि प्रशासनिक विभागों में प्रभारी प्रभार सौंपते समय वरिष्ठता और योग्यता को प्राथमिकता दी जाए और वरिष्ठ अधिकारी को ही वरीयता के आधार पर प्रभार दिया जाए।

याचिकाकर्ता बी.एन. यादव वर्ष 2023 से प्रभारी प्राचार्य के दायित्वों का निर्वहन कर रहे थे। शिकायतों के आधार पर उन्हें हटाकर उनके अधीनस्थ अधिकारी को प्रभारी बनाना न्यायिक दृष्टि से गलत पाया गया।

माननीय न्यायालय ने 18 जुलाई 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा जारी आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय दिया और प्रभारी प्राचार्य के पद पर उनकी पुनः बहाली का मार्ग प्रशस्त कर दिया।

यह फैसला शिक्षा प्रशासन में वरिष्ठता और नियमों के सम्मान की पुनर्स्थापना के रूप में देखा जा रहा है।

 
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