November 22, 2024 |

NEWS FLASH

Latest News
बिलासपुर में सरकंडा थाना प्रभारी तोप सिंह नवरंग को तहसीलदार को पीटना पड़ा भारी, 50 से अधिक तहसीलदारों ने कलेक्टर और आईजी ऑफिस घेराश्रमिकों के लिए महंगाई भत्ता में वृद्धि, श्रम विभाग ने जारी किया संशोधित आदेशविकास के लिए महत्वपूर्ण कारक है सुशासन : ओपी चौधरीक्या बीजेपी नेता नूतन राजवाड़े ने सरकारी जमीन पर कब्जे के बाद अब पेट्रोल-डीजल में की चोरी?पार्षद अब्दुल रहमान के भाजपा में प्रवेश से बढ़ी पार्टी की ताकत, लेकिन मंडल नेताओं के दुष्प्रचार से हो रही है बदनामीमहाकाल सेना महाशिवरात्रि की प्रथम बैठक संपन्न आयुष्मान योजना से बिरहोर आदिवासी युवक को मिला नया जीवनदिल्ली में छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति की दिखी झलककोरबा का डॉन: गोपू पाण्डेय का आतंक, प्रशासन की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाईमुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से की मुलाकात
अपराधछत्तीसगढ़
Trending

डॉक्टर विशाल की करनी की सज़ा भुगतेगी उनकी पत्नी ममता ! नियम विरुद्ध चल रहे श्री हरि क्लिनिक व डायग्नोस्टिक सेंटर में लगेगा ताला…

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोरबा : ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज़ नेटवर्क की ख़बर पर संज्ञान लेते हुए श्री हरि क्लिनिक एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक याने सरकारी डॉक्टर विशाल राजपूत की पत्नी ममता राजपूत के नाम नोटिस जारी कर 3 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है। मतलब साफ है पति के करनी की सज़ा अब पत्नी को भुगतनी पड़ेगी। इस डायग्नोस्टिक सेंटर (टेस्ट/ पैथोलॉजी लैब) की संचालक डॉक्टर विशाल की पत्नी है। बिल्डिंग का रेंट अग्रीमेंट विशाल ने खुद के सरकारी डॉक्टर होने के नाते अपनी पत्नी के नाम से करा रखा ब और उसे नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीयन कराया है। इस पैथो लैब में चिकित्सक के रूप में बिलासपुर के पैथोलोजिस्ट डॉक्टर मृत्युंजय शराफ को दर्शाया गया है, इनकी ही डिग्री को जमा कर यहां केवल पैथो लैब संचालन हेतु नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीयन कराया गया है। मज़े की बात ये है कि इस लैब के शुभारंभ उपरांत कभी भी डॉक्टर मृत्युंजय शराफ अपने कदम नहीं रखे है लेकिन रोजाना उनके डिजिटल सिग्नेचर से सैकड़ो ब्लड/यूरिन रिपोर्ट जारी होते है, बदले में 15 हजार की रकम जरूर पहुंच रही है हर माह ! लेकिन अब 2 दिन बाद सीएमएचओ ऑफिस आना होगा।

अप्रशिक्षित स्टॉफ मशीन के भरोसे रिपोर्ट जारी कर रहे है, जबकि सैम्पल लेने से लेकर रिपोर्ट के क्रॉस चेक करने की जवाबदारी पैथोलोजिस्ट की होती है। उनकी देख रेख और लैब में उपस्थिति के बिना एक भी रिपोर्ट जारी नहीं हो सकती है। यहां नियम विरुद्ध एक काम और किया गया है यहां अवैध क्लिनिक का संचालन किया जा रहा है यहां तक कि यहां मरीजों को भर्ती करना और ब्लड चढ़ाना और उनका नर्सिंग होम की तर्ज पर बिना किसी मानक के उपचार यहां किया जाता है जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। इन सब मामलों की अब जांच शुरू हो गई है जिसके बाद अब ममता राजपूत को जवाब देते नहीं बनेगा क्योंकि जिन मुद्दों पर जांच शुरू की गई है उसकी जानकारी श्री हरि डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक ममता राजपूत को है ही नहीं वो केवल कागज में मालिक है पर्दे के पीछे का खिलाड़ी डॉक्टर विशाल राजपूत है लेकिन भुगतान तो ऑन पेपर मालिक को ही करना होगा और जांच भी ममता राजपूत को ही फ़र्ज़ करना होगा।

डॉक्टर विशाल की मक्कारी का प्रमाण इससे भी मिलता है कि उनके लैब के परिमाइसेस में ही एक मेडिकल स्टोर संचालित है। बिल्डिंग मालिक ने इस शर्त पर उनको यहां बैठने की इजाजत दी थी कि आप अपनी क्लिनिक का पंजीयन करा लीजिए आप जो दवाइयों को लिखेंगे उनमें आपकी पर्ची में मेरे मेडिकल स्टोर का नाम रहेगा जिस पर मरीज मुझ से ही दवाइयां खरीदेंगे जिससे आपके स्थल के किराए की भरपाई मेरे द्वारा मुनाफे से कर दी जाएगी लेकिन विशाल ने यहां भी धोखेबाज़ी करते हुए अपने ही चेम्बर में सस्ती इंजेक्शन को महंगी कराकर रख लिया है और यहीं से दवाइयों का कारोबार शुरू कर दिया। मेडिकल स्टोर संचालन इनकी मक्कारी को देख केवल ईश्वर का नाम लेता है कि वो ही आपका इंसाफ़ करेंगे।

क्या सचमुच होगी कार्रवाई या सिर्फ दिखावे का नोटिस

जिले में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के मामले में छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क की ग्राम यात्रा की रिपोर्ट ने गंभीर सवाल उठाए हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर सीएमएचओ को नोटिस जारी किया गया, लेकिन इसके बावजूद यह प्रतीत होता है कि सीएमएचओ को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। शिकायत के आधार पर जारी नोटिस में जिन मुद्दों को उजागर किया गया, उनमें से कई को जानबूझकर काट-छांट कर पेश किया गया, जिससे असल समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है।

विशेष रूप से, डॉक्टर विशाल राजपूत और सीएमएचओ के बीच की नजदीकी रिश्तों पर भी ध्यान दिया गया है। डॉक्टर विशाल और सीएमएचओ के घर आमने-सामने होने के कारण उनके बीच व्यक्तिगत संबंधों और संभावित पैसों के लेनदेन को लेकर संदेह उत्पन्न हो रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि उनके व्यक्तिगत संबंधों का असर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर पड़ रहा है।

डॉक्टर विशाल के पिता, जो पहले जिला चिकित्सालय में फार्मासिस्ट के रूप में कार्यरत थे, उनके नाम का दुरुपयोग करने के आरोप भी सामने आ रहे हैं। यह सब मिलाकर यह स्थिति दर्शाती है कि कोरबा स्वास्थ्य विभाग में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार और अनियमितताएं व्याप्त हैं, और सही जांच के अभाव में ये मुद्दे जैसे-के-तैसे बने हुए हैं।

इस संदर्भ में शिकायतों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है और इस पर पारदर्शी तरीके से कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि स्वास्थ्य विभाग की विश्वसनीयता और कार्यक्षमता को बहाल किया जा सके।

ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़

 

नमस्कार

मैंने भारत को समृद्धि एवं शक्तिशाली बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के तहत प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली है।
आप भी भाजपा सदस्य बन विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के साथ जुड़ सकते हैं।

https://narendramodi.in/bjpsadasyata2024/VUXFHF

#BJPSadasyata2024

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close