छत्तीसगढ़

पुलिसकर्मियों के प्रति रखें मानवीय दृष्टिकोण : राज्यपाल डेका

पुलिस स्मृति दिवस परेड में हुए शामिल राज्यपाल

रायपुर । पुलिस का काम अत्यंत जवाबदेही का होता है। आम जनों से आग्रह है कि पुलिस कर्मियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखें और उनके कार्यो में मदद करें। यह उद्गार सोमवार को राज्यपाल रमेन डेका ने आज चौथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल माना रायपुर के प्रांगण में पुलिस स्मृति दिवस पर आयोजित परेड कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने सभी प्रदेशवासियों की ओर से पुलिस के शहीद वीर जवानों को नमन करते हुए शहीद स्मारक में पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने शहीद पुलिस अधिकारियों एवं जवानों के परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदना व्यक्त की और उनके साथ सदैव खड़े रहने का विश्वास दिलाया। उन्हें शाल, श्रीफल व स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।

इस अवसर पर राज्यपाल डेका ने अपने श्रद्धांजलि उद्बोधन में कहा कि पुलिस का काम अत्यंत जिम्मेदारी का होता है। एक तरफ वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए शासन के निर्देशों के अनुरूप कार्य करते हैं। दूसरी तरफ उनकी जिम्मेदारी होती है कि समाज में व्यवस्था बनी रहें और नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पडे। हम सब अपने-अपने घरों में सुरक्षित रहते हैं, त्यौहार मनाते हैं, क्योंकि हमारी पुलिस, रात-दिन ड्यूटी पर तैनात रहती है। राज्यपाल ने कहा कि पुलिस के जवान भी अपने परिवार को छोड़ कर कार्य कर रहे हैं। उनसे परिवार के एक सदस्य की भांति व्यवहार करें, उन्हें सम्मान दें। आपके दो मीठे बोल, उनके व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। यह सद्व्यवहार उनकी सारी थकान को दूर कर देगी और वे आपके प्रति अच्छा व्यवहार करेंगे ही साथ ही अपनी ड्यूटी दोगुने जोश से करेंगे।

राज्यपाल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां नक्सली समस्या एक गंभीर चुनौती रही है, वहां हमारी पुलिस ने जिस प्रकार से साहस, धैर्य और निष्ठा के साथ इस समस्या का सामना किया, वह सराहनीय है। पुलिस की तत्परता और कर्त्तव्यनिष्ठा के कारण आज नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और शांति के लिए एक सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है। नक्सली गतिविधियों से निपटने के लिए पुलिस और सशस्त्र बलों ने न केवल सख्त रणनीति अपनाई बल्कि स्थानीय समुदायों के साथ बेहतर समन्वय और संवाद स्थापित किया है। जिससे उन क्षेत्रों में विश्वास और सुरक्षा की भावना बढ़ी है और आने वाले समय में नक्सल समस्या का पूर्ण रूप से उन्मूलन होगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस हमारे पुलिस बलों के शौर्य, पराक्रम, बलिदान, देश-प्रेम, सजगता और इतिहास से जुड़ा हुआ दिन है। इनके चौकन्नेंपन के कारण ही देश में कानून व्यवस्था कायम रहती है और विकास के नए आयाम स्थापित होते है। साय ने कहा कि पुलिस जवान नक्सल पीड़ित क्षेत्रों के विकास और दुर्गम क्षेत्रों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में अपना योगदान दें रहें है।

पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने भी श्रद्धांजलि उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि अपराध एवं अपराधियों की रोकथाम के लिए पुलिस सदैव तत्पर है। वीर जवानों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जायेगा।

इस अवसर पर गृह विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुवा, अरूण देव गौतम, महानिदेशक होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा एवं फायर ब्रिगेड सेवा, हिमांशु गुप्ता, महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिसकर्मी व शहीद जवानों के परिजन उपस्थित थे।

 

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