छत्तीसगढ़

पावरसिटी में कमाने आए कलिंगा ने दिया स्थानीय नौजवानों को धोखा, अनुबंध की शर्तें तोड़ कोरबा को थमाया झुनझुना और दीगर राज्य-जिले के 80 फीसदी कर्मचारियों को बांट दी नौकरी

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कोरबा। खदान के काम-काज से मालामाल हो रही एसईसीएल की आउटसोर्सिंग कंपनी कलिंगा कोरबा के नौजवानों के साथ छल कर रही है। जिस शर्त के साथ कंपनी ने ठेका उठाया, उस अनुबंध की नाफरमानी कर कंपनी ने 80 प्रतिशत ऐसे लोगों को काम पर रख लिया, जो दीगर राज्य और जिलों के हैं। वादा यह था कि कोयलानगरी के स्थानीय बेरोजगारों को कंपनी के 80 फीसदी पदों पर नौकरी दी जाएगी। पर कलिंगा के अफसरों ने धोखा करते हुए बाहरी को 80 फीसद और स्थानीय नौजवानों के हिस्से सिर्फ 20 प्रतिशत हिस्सा दिया है। कंपनी की वादाखिलाफी से नाराज क्षेत्र के युवाओं ने वादे के मुताबिक स्थानीय के लिए रोजगार प्रथम की व्यवस्था करने की बात रखते हुए बेमुद्दत हड़ताल की चेतावनी दी है।

यह पहली बार नहीं है जो कोरबा का सीना चीरकर कोयला और हवा में प्रदूषण का जहर घोलकर बिजली बनाने वाले औद्योगिक प्रबंधन स्थानीय युवाओं के साथ उपेक्षित व्यवहार कर रही हों। पहले भी प्रदेश के बाहर से आकर करोड़ों-अरबों का ठेका उठाने वाली कंपनियां मनमानी करती रहीं हैं। पहले तो यहां रखी गई हर शर्त पर हामी भरी जाती है और अनुबंध हो जाने के बाद उनकी भर्राशाही शुरु हो जाती है। ताजा मामला एसईसीएल के लिए कार्य कर रही कंपनी कलिंगा की है, जिसने स्थानीय बेरोजगारों को कंपनी में 80 फीसदी रिक्त पदों पर नौकरी पर रखने का वादा किया था, पर अब, जबकि भर्ती की जा रही है तो स्थानीय व जरुरतमंद नौजवानों की उपेक्षा कर कंपनी में कोरबा ही नहीं, छत्तीसगढ़ के बाहर दीगर प्रदेशों के लोगों को ठूंस ठूंस कर भरा जा रहा है। इससे स्थानीय नौजवानों में आक्रोश व्याप्त है, तो वहीं एसईसीएल की ओर से भी इस मनमानी पर काबू कर समस्या को नजरंदाज किया जा रहा है।

भर्ती हुई तो भी बगैर नोटिस निकाल देने जैसी कई समस्याएं


गौर करने वाली बात होगी कि कोयला उत्खनन एवं ओवर बर्डन परिवहन का कार्य एसईसीएल द्वारा निजी कंपनियों को आउटसोर्स कर दिया गया है। ये निजी कंपनियां दीगर राज्य और जिलों से आकर क्षेत्र में कार्य करती हैं और बड़ा लाभांश कमाती हैं। बावजूद इसके इन कंपनियों में भर्ती के दौरान स्थानीय रहवासियों की उपेक्षा किए जाने की शिकायत रहती है। रोजगार में उन्हें प्राथमिकता नहीं दिया जाता और अगर किसी प्रकार से उन्हें कंपनी में नौकरी मिल भी जाती है तो उन्हें विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें उन्हें मानक दर एचपीसी में भुगतान न करना, पीएफ पूरा न देना, सुरक्षा उपकरण प्रदान ना करना, बगैर नोटिस निकाल देना, दलालों की गुंडागर्दी जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


दीपका के नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव ने भेजा अल्टीमेटम


इस मामले की अगुआई करते हुए भाजपा नेता और नगर पालिका दीपका में नेता प्रतिपक्ष अनूप यादव ने कलिंगा कंपनी में अनियमितताओं को लेकर कंपनी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि एसईसीएल की गेवरा व दीपका खदान में नियोजित आउटसोर्सिंग कंपनी कलिंगा मनमानी कर रही है। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि स्थानीय बेरोजगारों को लेकर जिस प्रकार की भर्राशाही कंपनी में चल रही हैं, उसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कलिंगा प्रबंधन को साफ शब्दों में अल्टीमेटम दिया है कि अगर आगामी सात दिनों में कंपनी के रुख में बदलाव नहीं दिखाई दिया तो सभी बेरोजगारों को लेकर कंपनी में अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा।

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