July 4, 2025 |

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छत्तीसगढ़

बहनों-भाइयों सतर्क रहें, आपके गांव के पास वाले जंगल में हाथी घूम रहे हैं, इसलिए रात न करें श्रीमान, दिन के उजाले में ही कर लें मतदान

Gram Yatra Chhattisgarh
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कोरबा। कटघोरा वनमंडल के अंतर्गत अनेक गांव ऐसे हैं, जो हाथी प्रभावित हैं। इनमें से कुछ गांवों के पास के जंगल में अब भी हाथियों का झुंड विचरण कर रहा है। ऐसे में वन विभाग खुद अलर्ट मोड पर है और मतदाताओं को भी सतर्क करने जुटा हुआ है। प्रभावित मतदान केंद्रों के पास मुनादी कर लोगों को शाम होने जा इंतजार करने की बजाय दिन में ही मतदान कर लेने जागरूक किया जा रहा है।

जिला प्रशासन ने हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मतदाताओं को मतदान केंद्र ले जाने की खास व्यवस्था भी की गई है। कटघोरा वनमंडल अंतर्गत हाथी प्रभावित ग्राम भूडूपानी एवं कोदवारी में जंगल के रास्ते वोट देने जाने वालो को चार किलोमीटर दूर मड़ई मतदान केंद्र तक सुरक्षित पहुंचाया गया। कटघोरा डीएफओ निशांत कुमार के निर्देशन में प्रभावित क्षेत्र पर नजर भी रखी जा रही है। इसी तरह मतदान के दिन मंगलवार को ग्राम खोरंगा पारा में हाथियो से सतर्क रहते हुए मतदान करने की समझाइश दी जा रही है। उल्लेखनीय होगा कि कोरबा लोकसभा चुनाव में हर क्षेत्र में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिले में कुल मिलाकर 60 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जो हाथी प्रभावित क्षेत्रों में पड़ते हैं। ऐसे क्षेत्रों में जाकर वन विभाग के कर्मचारी लोगों से जल्दी मतदान करने की अपील कर रहे हैं। वन विभाग के कर्मचारी यहां जाकर लोगों से कह रहे हैं कि, हाथी सामान्य तौर पर शाम को ही लोगों के बीच जाने का प्रयास करते हैं। ऐसे में जल्दी अपने मताधिकार का प्रयोग करें और घर लौट जाएं, ताकि हाथी मानव द्वंद की स्थिति निर्मित ना हो। जिले का कटघोरा और कोरबा वन मंडल हाथी प्रभावित क्षेत्र है। यहां मतदान प्रतिशत बेहतर बनाने के लिए वनकर्मियों का सहयोग लिया जा रहा है। महिला वनकर्मी प्रभावित क्षेत्र के महिलाओं को जागरूकर कर रहीं हैं। गांव में चौपाल लगाकर वे गांव की महिलाओं को छत्तीसगढ़ी बोली में बता रही हैं कि शाम होते ही हाथी के विचरण का खतरा बढ़ जाता है। आज जल्द से जल्द और दिन रहते मतदान कर घर में सुरक्षित लौंट जाएं।

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वन विभाग ले रहा थर्मल ड्रोन और सजग एप की भी मदद

वन विभाग थर्मल ड्रोन और सजग एप की भी सहायता ले रहा है। ताकि हाथियों की वजह से मतदान में कोई परेशानी ना हो। लेकिन मतदान वाले दिन यदि जंगली हाथी बूथ के सामने पहुंच गए, तो बड़ी मुश्किल खड़ी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। आम तौर पर हाथी के दल शाम होते ही अपना स्थान बदलते हैं। राज्य निर्वाचन ने तपती धूप को देखते हुए मतदान के समय सीमा को दो घंटे के लिए बढ़ा दिया है। शाम छह बजे तक न केंद्र खुले रहेंगे। लोगों को शाम के बजाए पहली पाली में दोपहर में ही मतदान करने के लिए कहा जा रहा है।

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