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तो क्या अमरजीत सिंह जयसिंह की प्रताड़ना से आ गए थे तंग ? आखरी समय में पार्टी छोड़ने वाले अमरजीत एपिसोड की इनसाइड स्टोरी पढ़िए इस ख़बर में…

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कोरबा। नदिया पार पश्चिम क्षेत्र में कांग्रेस की कमान व कोयले का विशाल कारोबार संभालने वाले पार्षद और जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महामंत्री अमरजीत सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। अमरजीत ने इस्तीफे के साथ लिखा है कि पार्टी के बड़े नेताओं की प्रताड़ना से वह आहत था। उनकी उपेक्षा लगातार बर्दाश्त के बाहर हो रही थी। यही वजह रही जो पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया। अमरजीत पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का खास सिपहसालार रहा है जयसिंह की सोबत में आने के बाद कभी सीधा साधा रहने वालेबअमरजीत पर एक के बाद एक एफआईआर पुलिस थाने में दर्ज होते गए। जब सरकार नहीं थी तब तक अमरजीत कोई आशा अपेक्षा नहीं रखा लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुए फर्जी एफआईआर समेत विभिन्न मामलों में पुलिसिया जांच के शिकार हुए अमरजीत को जयसिंह का साथ नहीं मिला प्रताड़ना से तंग आकर आखिरकार अमरजीत ने कांग्रेस की छत्रछाया में रही सही कसर भी न निकल जाए, इस डर से पार्टी बदल लेने में ही समझदारी समझी। बहरहाल इससे कांग्रेस की डूबती नैया को तिनके का सहारा भी नसीब न हो सकेगा, विश्लेषकों द्वारा ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। अमरजीत के पार्टी छोड़ने की ख़बर कोई नई नहीं है भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही अमरजीत के भाजपा में शामिल होने की खबरें आम होने लगी थी एक बार तो बकायदा कुसमुंडा के कबीर चौक में तैयारी भी कर ली गई थी अमरजीत के साथ अभिषेक आंनद शर्मा और अन्य कइयों कांग्रेसी पार्टी का दामन छोड़ने वाले थे अभिषेक का नाम गाहे बगाहे डीजल चोरी के मामले में आता रहा है एकाध बार पुलिस एफआईआर में भी ये नाम दर्ज है। लेकिन अंत समय मे स्थानीय भाजपाइयों ने यह कहते विरोध कर दिया कि जिनका हम हमेशा विरोध करते रहे वो अब साथ बैठेंगे। यही वजह है कि पार्टी छोड़ने के बाद भी अब तक अमरजीत भाजपा के न हो सके। पार्टी के लोगो को लगता है कि अमरजीत अब भी पुराने तरीके से ही काम करेगा लेकिन ये भी सच है कि स्वभाव से काफी मिलनसार और हसमुख अमरजीत का जयसिंह की प्राइवेट लिमिटेड कांग्रेस छोड़ने के बाद अपराध से नाता पूरी तरह टूट जाये क्योंकि अमरजीत से मिलने वाला कोई शख्स उसके किसी भी अपराध में शामिल होने की बात को स्वीकार नहीं करेगा हाँ अमरजीत के चेलों को नेक राह पर दौड़ाने की जिम्मेदारी अमरजीत को ही लेनी पडेगी तभी उसकी छवि कोरबा में साफ गिनी जाएगी। हालाकिं कांग्रेस में रहते बहुत सारे अपराधों में नाम दर्ज होने से कहीं भाजपा भी ना कर दे किनारा ? इस कसमकश में फंसे अमरजीत नज़र आ रहे है।

क्या लिखा है इस्तीफे में

जिले के पश्चिम क्षेत्र में कांग्रेस की मजबूत कड़ी कहे जाने वाले युवा नेता और पार्षद अमरजीत सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। अमरजीत के पास जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महामंत्री की भी जिम्मेदारी दी गई थी। उनके इस तरह से पार्टी के सभी पदों से त्याग पत्र देने से कांग्रेस में हड़कंप है। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने इस निर्णय के लिए शीर्ष नेतृत्व पर प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया है। अमरजीत का शीर्ष नेतृत्व मतलब जयसिंह ऐन मतदान के 12 घंटे पहले एक खबर से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। वार्ड क्रमांक 59 के पार्षद और एम.आई. सी. सदस्य नगर पालिका निगम कोरबा अमरजीत सिंह ने अपने त्यागपत्र में लिखा है कि

“वर्ष 1996 से उन्होंने कांग्रेस के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में कार्य करते रहे। विगत 28 वर्षों में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन, यूथ कांग्रेस, कांग्रेस कमेटी एवं वर्तमान में एम.आई.सी. सदस्य नगर पालिका कोरबा के पद पर सम्मानित जनता की निःस्वार्थ सेवा करने का पूर्ण प्रयास किया। कांग्रेस का सच्चा सिपाही होने के बावजूद कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में विगत कुछ वर्षों से मुझे व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के द्वारा एवं प्रशासन के माध्यम से प्रताड़ित किया गया हैं। उपरोक्त कारणों से मुझे एवं मेरे साथ जुड़े सैकड़ों समर्थकों को आत्मसम्मान एवं प्रतिष्ठा को धुमिल किया गया हैं। अतः अंर्तमन की असहमति के कारण मैं कांग्रेस पार्टी में कार्य करने में असमर्थ हूं। मैं अमरजीत सिंह, अंर्तमन से दुखी होकर कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से आज सोमवार 5 मई 2024 को इस्तीफा देता हूं।”

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