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जहां-जहां खर्च होगा वहां-वहां दिखेंगे जयसिंह अग्रवाल ! इस बार जयसिंह को यहां खर्च करना होगा करोड़ों, लेकिन…

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कोरबा। जैसा कि आपने हेडिंग में ही पढ़ लिया कि जहां जहां खर्च होगा वहां-वहां दिखेंगे जयसिंह अग्रवाल ये अटल सत्य है, मरवाही का उप चुनाव हो या फिर किसी दूसरे प्रदेश में चुनाव संचालन का जिम्मा हर बार नगर सेठ जयसिंह के हत्थे खर्च की कमान दी जाती है। तभी तो संगठन और मुखिया को लाख भला बुरा कहने के बाद भी जयसिंह पर कार्रवाई नहीं होती है। ताजा मामला राहुल गांधी के यात्रा से जुड़ा हुआ है। सूत्र बताते है कि इस यात्रा में होने वाले अधिकांश खर्च जयसिंह करने वाले है, जिसका आंकड़ा करोड़ों में है जो खर्च करेगा उसको संगठन में मान तो मिलेगा ही न। लेकिन इन सबके बीच जयसिंह ने सूबे के मुखिया रहे भूपेश बघेल से अपने को दूर रखा हुआ है। कैसे वो आपको ख़बर के अंत में पढ़ने मिलेगा फिलहाल जयसिंह को लेकर जो कांग्रेसी दबे जुबान कह रहे है उसकी बात आपको बताते है।

भारत जोड़ो की थीम पर अपनी न्याय यात्रा लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी कोरबा आ रहे हैं। यहां तक तो ठीक है, पर कांग्रेस के जिस पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने जनता के हक पर कांटा मार-मार कर स्वर्ण सिटी खड़ा कर दिया, कथित तौर पर अन्याय के पर्याय बन चुके ऐसे कांग्रेसी को इस न्याय यात्रा का संयोजक नियुक्त कर दिया जाना खुद कांग्रेस समर्पितों को ही रास नहीं आ रहा। समाज-समुदायों की जोड़-तोड़ के जरिए सियासी रोटियां सेंकने वाले स्वर्ण सिटी के इस नगरसेठ को भारत जोड़ो की कमान सौंपना, जनता की भावनाओं पर वार करने जैसा प्रतीत हो रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि पांच साल प्रदेश की सत्ता में काबिज रहे, तो जनता से मुंह मोड़े रखे, उनकी जरुरतों को दरकिनार किया जाता रहा और अब वही नगरसेठ न्याय की झंडा थामें घूम रहे हैं। भला ये कहां का न्याय है। पर एक बात याद रखनी होगी कि ये पब्लिक है, जो अब जागृत है और सब जानती है। उसी का नतीजा ही रहा, जो नगरसेठ समेत प्रदेश की जनता ने अपनी उंगलियों से कांग्रेस की सरकार को न केवल बेदखल किया, बल्कि छत्तीसगढ़ में क्लीन स्वीप कर दिखाया।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा छत्तीसगढ़ में प्रवेश कर चुकी हैं। असम से शुरू हुई राहुल गांधी की यात्रा का छत्तीसगढ़ में पहला कार्यक्रम गुरूवार को रायगढ़ में हुआ। वरिष्ठ नेताओं के साथ न्याय यात्रा के संयोजक बनाए गए प्रदेश पूर्व कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी उपस्थिति दर्ज कराते हुए श्री गांधी की अगुआनी की। उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा 11 फरवरी की दोपहर तक कोरबा जिले में प्रवेश करेगी। पर यहां विचार करने वाली बात होगी कि कोरबा के पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल जब खुद सत्ता में रहे, तो जनता के न्याय की याद नहीं आई। सत्ता की ताकत और रसूख के मद में चूर रहे नगरसेठ ने तब नीति-अनीति की सारी सीमाएं लांघकर समाज समुदायों में जोड़-तोड़ कर राजनीतिक रोटियां सेंकी। छत्तीसगढ़ की जनता के साथ अन्याय पर अन्याय करने वाले पूर्व मंत्री आज खुद छत्तीसगढ़ में राहुल गांधी के भारत जोड़ो न्याय यात्रा के संयोजक बन बैठे हैं। हालाकि इस कवायद के पीछे लोग कहते है आगामी लोकसभा में जयसिंह अग्रवाल की दावेदारी है। कोरबा सीट से पिछले 3 चुनाव में महंत परिवार ने ही चुनाव लडा है और 2 बार जीत दर्ज की है वो अलग बात है की साल 2014 और 2019 में दोनो ही बार कोरबा विधानसभा क्षेत्र से लोकसभा प्रत्याशी को बड़े अंतर से पिछड़ना पड़ा था। जिसका मलाल आज तक नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत को है लेकिन वो खुलकर कैमरे से सामने इस बारे में कुछ नहीं कहते है हां, ऑफ रिकॉर्ड जो कहते है वो किसी से छुपा नहीं है। छत्तीसगढ़ की जनता ऐसे नेताओं के कारणों से ही पूरे देश से ही कांग्रेस का सफाया कर दिया और छत्तीसगढ़ में भी सत्ता पलट दिया। ऐसे में जब कांग्रेस की ताकत बढ़ाने का एक मात्र लक्ष्य लेकर देश यात्रा पर निकले राहुल गांधी के अभियान के विपरीत कहीं छत्तीसगढ़ के सबसे चर्चित नेता को न्याय यात्रा का संयोजक बना दिया जाना, यात्रा के लिए किसी बड़े अल्पविराम का कारण न न जाए। ऐसे में कम से कम छत्तीसगढ़ और कोरबा के लिए तो इस मुहिम का शुभारंभ होने से पहले ही अंत का अनुमान लगाया जा सकता है, क्योंकि जनता सब जानती है।

भई वाह… बैनर में अकेले स्वागत करेंगे नगर सेठ, पूर्व सीएम भूपेश गायब

प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबावासियों से भारत जोड़ो न्याय यात्रा को सफल बनाने की गुजारिश करते हुए जगह-जगह बैनर-पोस्टर और फ्लैक्स लगवाए हैं। एक बार फिर पोस्टरों की बाढ़ सारे शहर में देखी जा सकती है, पर एक बात गौर करने वाली होगी कि नगरसेठ के इस स्वागत पोस्टर में कहीं भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नदारद कर दिए गए हैं। सवाल उठना लाजमी है कि चुनावी नतीजों के बाद बगावत की बोली से अपने वरिष्ठ नेता को हार का कारण ठहरा चुके श्री अग्रवाल क्या अब एंटी भूपेश बघेल हो गए हैं। भारत जोड़ने निकले हैं और खुद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में इस कदर आपसी कलह है। संभवतः यही कारण है जो कोरबा में लगने वाले फ्लैक्स से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री की तस्वीर ही गायब हो गई है।

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