नई दिल्ली। चुनाव आयोग अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के साथ आंध्रप्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव करवा सकता है। चारों विधानसभाओं का कार्यकाल मई और जून 2019 में समाप्त होगा। सूत्रों के मुताबिक आम चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाए जा सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया गया था। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनावों के साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराकर चुनाव आयोग पहले की परंपरा को निभाएगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने के बाद चुनाव आयोग को छ: महीने के अंदर वहां फिर से चुनाव कराना है। चुनाव आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक ‘आखिरी सीमा मई में समाप्त हो रही है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा का छ: साल का कार्यकाल 16 मार्च 2021 को खत्म होने वाला था। अन्य राज्यों की विधानसभा और लोकसभा का कार्यकाल पांच साल का होता है। सरकारी सूत्रों के अनुसार जब राज्य में लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की तैनाती होगी तो चुनाव प्राधिकार के लिए एक साथ विधानसभा चुनाव कराने में आसानी होगी। सिक्किम विधानसभा का कार्यकाल 27 मई 2019 को खत्म हो रहा है और आंध्रप्रदेश, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल क्रमश: 18 जून, 11 जून और 1 जून को खत्म होगा।
अधिकारी ने बताया कि ‘लोकसभा चुनाव के लिए इंतजाम होने और उसी दौरान विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने की स्थिति में स्वाभाविक है कि सभी चुनाव एकसाथ कराए जाएं।’ चुनाव आयोग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों को चार राज्यों और लोकसभा में चुनावों के साथ मिला दिया जाए तो 2019 में कोई और चुनाव नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। अगर पार्टी दोनों विधानसभा को तय समय से छ: महीने पहले भंग करने का फैसला करती है तो लोकसभा और चार राज्यों के साथ वहां का चुनाव कराया जा सकता है। दोनों राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल नवंबर 2019 में खत्म होगा।
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