छत्तीसगढ़

राज्य के 447 शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की हुई पदस्थापना

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अब शिक्षक विहीन नहीं रहा राज्य का कोई भी प्राथमिक, माध्यमिक और हायर सेकेण्डरी स्कूल

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर और समावेशी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बेहद सार्थक परिणाम सामने आए हैं। राज्य की कुल 453 शिक्षक विहीन शालाओं में से 447 स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है।

राज्य में 16 जून से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र से इन स्कूलों में घंटी बजेगी, क्लास लगेगी और बच्चों के पढ़ाई के स्वर गुंजेंगे। शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना से एक नई उम्मीद जगी है। गांवों में शिक्षक के आने की खबर से पालक और बच्चे बेहद खुश हैं। शासन-प्रशासन का आभार जताने के साथ ही पालकगण बच्चों के बेहतर भविष्य की उम्मीद फिर से संजोने लगे हैं।

मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय ने कहा है कि शिक्षा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य के कई स्कूल शिक्षक विहीन स्थिति में थे विशेष रूप से सुदूर अंचलों के। इसलिए हमनें युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता से लागू किया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि जहां-जहां जरूरत हो वहां शिक्षकों की तैनाती हो। राज्य के शत-प्रतिशत शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना इस प्रक्रिया की सफलता का प्रमाण है। यह केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में किया गया सफल प्रयास है।

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत शिक्षक विहीन 357 प्राथमिक शालाओं, 30 माध्यमिक शालाओं में नियमित शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है। राज्य के शिक्षक विहीन 66 हाई स्कूलों में से सुकमा जिले के 4 हाई स्कूल तथा नारायणपुर जिले के 2 हाई स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए अभी काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी है, जबकि 60 शिक्षक विहीन हाईस्कूलों में शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है।

जिला शिक्षा अधिकारी नारायणपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के 3 शिक्षक विहीन हाई स्कूलों में से सुलेगा धौड़ाई हाई स्कूल में 3 शिक्षकों की नियुक्ति युक्तियुक्तकरण के माध्यम से पूरी कर ली गई है। हाईस्कूल कन्हारगांव एवं सोनपुर हाईस्कूल में शिक्षकों की तैनाती के लिए 12 जून को काउंसलिंग की जाएगी।

इसी तरह सुकमा जिले के चिंतलनार, गुम्मा, गंजेनार एवं कांजीपानी हाई स्कूल जिला स्तर पर पूरी हो चुकी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के बाद भी  शिक्षक विहीन हैं। इन हाई स्कूलों में राज्य स्तर पर होने वाली काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकों की पदस्थापना की उम्मीद जिला प्रशासन को है। जिला शिक्षा अधिकारी सुकमा ने बताया कि उक्त चारों हाई स्कूलों के कैम्पस में संचालित पूर्व माध्यमिक शालाओं एवं अतिथि शिक्षकों के माध्यम से यहां अध्ययन-अध्यापन का प्रबंध पूर्व से ही होता रहा है। अब तक की स्थिति में सुकमा जिले के 4 और बीजापुर जिले के मात्र 2 हाई स्कूलों को फिलहाल छोड़ भी दें, (जबकि इन 6 हाई स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती अभी प्रक्रियाधीन है) तो राज्य में प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकण्डरी स्कूल तक अब ऐसा कोई भी स्कूल है, जो शिक्षक विहीन हो।

यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य का कोई भी हायर सेकेण्डरी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं था। मात्र 4 हायर सेकेण्डरी स्कूल एकल शिक्षकीय थे, जिनमें युक्तियुक्तकरण के तहत एक से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति गई है। युक्तियुक्तकरण के तहत हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पर्याप्त संख्या में विषयवार व्याख्याताओं की नियुक्ति प्राथमिकता के आधार पर की गई है, ताकि बच्चों को नियमित रूप से अध्ययन-अध्यापन का बेहतर अवसर उपलब्ध हो सके।

राज्य में 5672 प्राथमिक स्कूल एकल शिक्षकीय थे, इनमें से युक्तियुक्तकरण के बाद 4465 स्कूलों में दो अथवा दो से अधिक शिक्षकों की तैनाती पूरी कर ली गई है। राज्य में मात्र 1207 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय रह गई हैं। इसी तरह 211 एकल शिक्षकीय पूर्व माध्यमिक शालाओं में से 204 शालाओं दो अथवा दो अधिक शिक्षकों की तैनाती की गई है, अब मात्र 7 माध्यमिक शालाएं ही राज्य में एकल शिक्षकीय रह गई हैं। इन शालाओं में भी और अधिक शिक्षकों की तैनाती को लेकर शिक्षा विभाग व्यवस्था बनाने में जुटा है। इसी तरह राज्य के 49 एकल शिक्षकीय हाई स्कूलों में से 48 हाई स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की पदस्थापना पूरी कर ली गई है। आज की स्थिति में राज्य में मात्र एक हाई स्कूल एकल शिक्षकीय बचा है।

 

 
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