छत्तीसगढ़

लोगों का सतर्क और जानकार बनना ही साइबर क्राइम से बचने का सबसे बड़ा हथियार : IPS सिद्धार्थ

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0 कोरबा के 20वें पुलिस कप्तान सिद्धार्थ तिवारी ने की मीडिया से चर्चा, बताई अपनी प्राथमिकताएं, कार्ययोजनाएं

कोरबा 08 फरवरी 2024। जिले के नए पुलिस कप्तान सिद्धार्थ तिवारी ने कोरबा का चार्ज संभाल लिया है। काम-काज के दूसरे दिन वे मीडिया से रुबरु हुए और अपनी कार्ययोजनाएं साझा की। उन्होंने कहा कि जब कभी हम नई पोस्टिंग पर जाते हैं, नई चुनौतियां भी सामने आती हैं। तब हम उस क्षेत्र के इतिहास-भूगोल का अवलोकन-अध्ययन करते हैं और फिर उन चुनौतियों को जीतने में जुट जाते हैं। कानून व्यवस्था को लेकर कोरबा में जो भी कठिनाइयों समझ आएंगी, उनमें सुधार लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। खासकर औद्योगिक नगरी में सड़क-यातायात संबंधि मुश्किलों और साइबर क्राइम के मामलों से निपटने जरुरत के अनुसार वर्कप्लान तैयार करेंगे, उनकी रोकथाम के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जहां तक साइबर क्राइम पर अंकुश की बात है, आम जनता के सतर्क व जानकार बनना ही, साइबर क्राइम से बचने का सबसे बड़ा हथिया है, जिसके लिए लोगों को जागरुक करने व्यापक अभियान चलाए जाएंगे।
कोरबा जिले के 20वें एसपी श्री तिवारी पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। सर्वप्रथम यहां एएसपी अभिषेक वर्मा समेत जिले के पुलिस अफसरों ने उनका स्वागत किया और परंपरा अनुरुप सलामी दी। मीडिया से चर्चा करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि महिलाओं व बच्चों से जुड़े अपराध पर अंकुश और बेसिक पुलिसिंग को मजबूत करना उनकी प्राथमिकता होगी। अपराध की रोकथाम और मामलों के त्वरित निराकरण की कोशिश रहेगी।

0 पुलिस परिवार हमारा है, ध्यान भी हम ही रखेंगे
पुलिस कप्तान ने का कि साइबर क्राइम के मामलों में तत्काल एफआइआर दर्ज कर जांच-कार्रवाई लाजमी है। इसके साथ ही इस तरह के हाइटेक अपराध से बचाव के लिए लोगों की जागरुक ही सबसे बड़ा हथियार है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए रिक्वेस्ट भेजकर ठगी किए जाने जैसे मामलों में पूरी जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को और दुरुस्त रखने के हर संभव उपाय किए जाएंगे। उन्होंने जिले की ट्रैफिक व्यवस्था पर कहा कि इस दिशा में आवश्यक जानकारियों, निरीक्षण के जरिए बेहतरी के कदम उठाए जाएंगे। हादसों की रोकथाम के लिए कार्यवाही के साथ जन-जागरुकता का प्रयास किया जाएगा। महकमें में कार्यरत पुलिसकर्मियों से जुड़ी समस्याआंे को यथाशीघ्र यथासंभव निराकरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह हमारा परिवार है, जिनकी जरुरतों का ध्यान रखना भी हम सब की जवाबदारी है।

0 दिल्ली रहे, पत्रकारिता की, वर्ष 2015 में आईपीएस अफसर बने

आईपीएस सिद्धार्थ तिवारी 2015 बैच के आईपीएस है। वे मूलतः दिल्ली के रहने वाले हैं, जहां उन्होंने समाज सेवा के जज्बे के साथ पत्रकारिता के जरिए करियर शुरु किया और यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। वर्ष 2015 में आईपीएस बने। उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर चुना। एसपी के पद पर उनकी पहली पदस्थापना दुर्ग हुई थी। जिसके बाद वे नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के एसपी भी रहे। कोरबा से पहले वे मनेंद्रगढ़- चिरमिरी-भरतपुर के एसपी थे। सुकमा, रायगढ़ व दुर्ग में भी इनकी पदस्थापना रही।

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