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भाजपा और कांग्रेस में जयसिंह को लेकर मचा बवाल, क्या है वजह पढिये इस रिपोर्ट में……

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रायपुर/कोरबा – पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल लोकसभा में दोहरी नाव की सवारी कर रहे है। अपने गुरु की आन को बचाने की जुगत जारी है वहीं खुद की रातें जेल में न कटे इसके लिए भाजपा से भी चल रही यारी है। जी हां, आपने सही पढा जयसिंह की दिखावे की राजनीति ने कांग्रेस और भाजपा दोनो को चिंतित कर रखा है। जहां एक ओर महंत जयसिंह के साथ जुड़ी बदनामी को ध्यान रखते उनको चुनाव प्रचार से काफी दूर रखने की कोशिश में जुट वोट साध रहे है वहीं उनके धन संग्रह के हुनर का बखूबी फायदा ले रहे है। महंत को जयसिंह का स्टाइल मालूम है कि लक्ष्मी पुत्र के पास खुद भी धन की कमी नहीं है और धन लाने का माद्दा भी यही रखता है। पुख्ता सूत्रों से मिली ख़बर के मुताबिक महंत ने कोरबा विधानसभा छोड़ रामपुर और मरवाही के मैनेजमेंट की पूरी कमान जयसिंह के हाथ दे रखी है यहां पानी के पाउच से लेकर सोने के हार तक जयसिंह ही व्यवस्था कर रहे है। इसके लिए सार्वजनिक उपक्रमो से लेकर बड़े ठेकेदारों तक से चंदा लिया गया है मामला बडी राशि का है यहां के वोटरों को विधानसभा के तर्ज पर वोट के बदले नोट बांटने की ख़बर है। यही वजह है कि टीम जयसिंह शहर में इन दिनों दिखाई नहीं पड़ रहे है। महंत को शुरू से आज तक अगर किसी पर सबसे अधिक भरोसा है तो वो नाम है जयसिंह अग्रवाल का ! महंत अपने हाथ से कोई लेनदेन का काम नहीं करते है इसके लिए जयसिंह अग्रवाल ही अधिकृत है। ऐसे में कांग्रेस को लाभ दिलाने जयसिंह दृढ़ संकलिप है। वहीं दूसरी ओर भाजपा की एक टीम जयसिंह को अपने खेमे में कर लेने का दावा कर रही है। सूत्र बताते है कि भाजपाइयों के साथ कोरबा विधानसभा में सपोर्ट करने को लेकर जयसिंह से बैठक भी हो गई है जिस पर जयसिंह ने हर संभव मदद का भरोसा भी दिया है। क्योंकि करारी हार के बाद वैसे भी वो कभी कोरबा की जनता को फेस नहीं किये है। दूसरी ओर ईडी की राडार में आने का डर बना हुआ है सो अलग ! अब तक कोरबा में हुई ईडी की रेड एक समानता जरूर थी सबसे जयसिंह कनेक्शन को लेकर सवाल पूछा जा रहा था यही वजह है कि भाजपा सरकार के नजदीकी बन ईडी की गिरफ्त से बचने की जुगत जयसिंह ने बड़ी ही चतुराई से लगाई लेकिन निष्ठा के आगे वो दिखावे की राजनीति ज्यादा दिन नहीं कर पाए। आखिर जयसिंह का चेहरा बेनकाब हो ही गया। मतलब जयसिंह कोरबा विधानसभा में कुछ न कर भाजपा को फायदा पहुंचाने का दिखावा कर रहे है तो वहीं रामपुर और मरवाही में फंडिंग कर कांग्रेस के लिए नोट के बदले वोट ले रहे है। हालांकि ये भी सच है कि अगर जयसिंह कोरबा में कांग्रेस के पक्ष में कैम्पेनिंग करते तो जरूर इसका फायदा भाजपा को मिलता लेकिन यहां तो कहानी दिखाई कुछ जा रही है और हो कुछ रही है। देखना होगा कि जयसिंह का दोहरा दांव उनको व्यक्तिगत फायदा देता है या फिर नुकसान……

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