क्या आप जानते हैं क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर उभरे बिंदु और निशान क्यों होते हैं? ये है असली वजह
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पिछले कुछ महीनों में जारी किए गए क्रेडिट और डेबिट कार्ड में कुछ बदलाव किए गए हैं. ये बदलाव हैं कार्ड्स में उभरे हुए बिंदु. जिनकी मदद से अब उन नेत्रहीन लोगों को कार्ड्स इस्तेमाल करने में मदद मिल सके.
अब जब खरीददारी और लेन-देन में नोट का इस्तेमाल कम होता जा रहा है ऐसे में अधिक से अधिक लोग अब पेमेंट के लिए Paytm, Google pay, UPI आदि जैसी तमाम ऑनलाइन और ऐप की सुविधाओं का सहारा ले रहे हैं ऐसे में नेत्रहीनों के सामने एक बड़ी समस्या थी लिहाज़ा विशेष तौर पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स को डिज़ायन किया गया है जिसमें बिंदु बनाए गए हैं. ताकि नेत्रहीन या आंशिक तौर पर नेत्रहीनों को कार्ड इस्तेमाल करने में आसानी हो सके. युनाइटेड किंगडम में तकरीबन 20 लाख से ज्यादा लोग दृष्टि बाधित समस्या से ग्रसित है. लिहाज़ा ऐसे प्रयोग बेहद ज़रूरी थे.
कार्डस पर पड़े निशान बनाएंगे पेमेंट आसान!
पेमेंट के लिए इस्तेमाल होने वाले क्रेडिट और डेबिट कार्ड्स में तेज़ी ने कई नए बदलाव किए जा रहे हैं जिससे नेत्रहीनों को मदद मिल सके. ये बदलाव हैं- किनारे से कटे के निशान, मुख्य तरफ उभरे हुए बिंदु और कार्ड ओनर का प्रिंटेड नाम. कुछ साल पहले तक हर तरह के कार्ड लगभग एक समान ही हुआ करते थे. जिससे छूने मात्र से पहचान कर पाना मुश्किल था. एक रिसर्च में पाया गया की समान कार्ड्स होने के चलते नेत्रहीनों को अपने पर्स में से किसी एक का चुनाव कर पाना मुश्किल था. लिहाज़ा ये बदलाव वर्ग विशेष के लिए बेहद ज़रूरी हो गए थे. अब इन नए निशानों के ज़रिए उन्हें कार्ड को कार्ड रीडर में रखे जाने की दिशा की जानकारी आसानी से हो जाएगी और वो पेमेंट के लिए या ATM से पैसे निकालने के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहेंगे.
cards 2नेत्रहीन वर्ग के लिए डिजायन किया गया कार्ड
एक बड़े नेत्रहीन वर्ग के लिए डिजायन किया गया कार्ड
नेत्रहीनों को हो रही समस्या को देखते हुए रॉयल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्लाइंड पीपल (आरएनआईबी) Institute of Blind People चैरिटी के ज़रिए प्रोत्साहित बैंकों ने नेत्रहीन लोगों को अपने कार्ड का सही ढंग से उपयोग करने में मदद के लिए इन सुविधाओं को रोल आउट करना शुरू किया. जैसे- 2015 में नेटवेस्ट और सिस्टर बैन आरबीएस ने कार्ड के किनारे पर नॉच वाले डेबिट कार्ड लॉन्च किए. आरएनआईबी के मुख्य परिचालन अधिकारी डेविड क्लार्क के मुताबिक मास्टरकार्ड जैसे कुछ प्रोवाइडर के डेबिट या क्रेडिट कार्ड के लिए अलग-अलग आकार होते हैं. एक और विशेषता है ब्रेल डॉट्स, जो उन्हें बताती है कि उनके पास डेबिट या क्रेडिट कार्ड है या नहीं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के अनुसार यूके में लगभग 20 लाख लोगों को किसी न किसी प्रकार से दृष्टि बाधित होते हैं, और 340, 000 नेत्रहीन या आंशिक रूप से प्रभावित पाए गए जिसके चलते बैंकों ने कार्ड्स में इन नए बदलावों को मज़ूरी दी. (news18.com)