12th के इम्तिहान में मेधावी स्टूडेंट अरहान ने किया कमाल, अब पिता के नक्शे कदम पर वकालत की तालीम लेकर अदालत की राह पकड़ने की तैयारी

कोरबा। शहर के होनहार स्टूडेंट अरहान खान ने सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा में उम्दा प्रदर्शन कर परिवार और स्कूल का नाम रोशन किया है। उसने कॉमर्स स्ट्रीम से 80% अंक हासिल कर इम्तिहान में सफलता पाई है। मेधावी छात्र अरहान ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए वकालत में करियर को अपना लक्ष्य बनाया है। इस लक्ष्य को हासिल करने वह कड़ी मेहनत कर रहा है।
प्रतिभाशाली छात्र अरहान खान पंडित रविशंकर शुक्ल नगर के पार्षद एवं अधिवक्ता अब्दुल रहमान और श्रीमती जरीना शेख के सुपुत्र हैं। शुरू से ही होनहार रहे अरहान ने अपनी पढ़ाई के प्रति सदैव एक गंभीर और जिम्मेदार विद्यार्थी की भूमिका निभाई है। उसी का नतीजा रहा जो स्कूल की पढ़ाई के इस आखिरी इम्तिहान में भी उसने अपनी योग्यता साबित करते हुए माता पिता को गौरवान्वित किया। डीएवी पब्लिक स्कूल एसईसीएल कोरबा से अपनी विद्यालयीन शिक्षा पूर्ण करने के बाद अरहान आगे की उच्च शिक्षा वकालत से करना चाहता है। इसके लिए वह अब तक CLAT और CUET के अलावा SLAT जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं में शामिल हो चुका है। आगे वह बीए एलएलबी के लिए अच्छे कॉलेज के चयन की तैयारी में है, ताकि अपनी मनचाही मंजिल की ओर सधे हुए कदमों से आगे बढ़ सके। उसकी इस कोशिश में कोई कसर न रह जाए, इस फिक्र में उसके माता-पिता और पूरा परिवार प्रोत्साहित कर रहा है। अरहान की इस सफलता से परिवार, रिश्तेदार, दोस्तों व शुभचिंतकों में खुशी की लहर है और बधाई के साथ उन्होंने अरहान को उज्ज्वल भविष्य का आशीर्वाद दिया है।

जूनियर्स को टिप, घंटों मत बैठे रहो, पर जब दिल करे तो ऐसे पढ़ो कि गांठ बन जाए
हम अक्सर बच्चों को खासकर इम्तिहान के वक्त दिन-रात एक कर घंटों की पढ़ाई करते देखते हैं। पर इतनी तैयारी के बाद भी मनचाहे अंक न आने से उन्हें मायूस होते भी देखना पड़ता है। इस मसले पर अरहान का नजरिया कुछ अलग है। अरहान की सिम्पल थ्योरी है, कि जब मन न करे तो दिमाग पर जोर या तनाव डालने की बजाय वह करें, जिससे मन ताजा हो जाए। पर जब दिल करे तो बजाय कई कई घंटे उलझे रहने के, कम वक्त में भी ऐसी पढ़ाई करें कि किसी लेसन पर दोबारा मेहनत करने की जरूरत ही न पड़े। हमें अच्छा करना है तो उसके लिए मेहनत करने की चाह भी खुद से ही आ जाती है और हम बस एकाग्रता से उसमें जुट जाते हैं। मैने भी वही किया और मैंने जैसी उम्मीद की थी, उसके मुताबिक रिजल्ट भी मिला है।
जिंदगी में शामिल करें कोई भी खेल, टेंशन रहेंगे दूर और तन-मन रहेगा सेहतमंद
किताबों के अलावा अरहान क्रिकेट और फुटबाल जैसे आउटडोर गेम्स में भी काफी रुचि रखता है। उसका मानना है कि हमें अपने जीवन कोई न कोई एक खेल जरूर शामिल कर के रखना चाहिए। खेल हमें न केवल चुस्त दुरुस्त और स्वस्थ रखते हैं, कड़ी प्रतिस्पर्धा के इस दौर में शरीर के साथ मन-मस्तिष्क को भी ताकत देते हैं। अरहान ने कहा कि हर इम्तिहान में जीत के लिए और हार से लड़कर कोशिश में फिर से डट जाने के लिए मानसिक तौर पर तरोताजा रहना बेहद जरूरी है।