छत्तीसगढ़

सिद्ध चक्र महामंडल विधान के दूसरे दिन सिद्धों की आराधना कर चढ़ाए 16 अर्घ्य

रायपुर। पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर शंकर नगर में अष्टह्निका महापर्व पर 8 दिवसीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन किया गया है। मंगलवार को सिद्धचक्र महामंडल विधान के दूसरे दिन अष्ट द्रव्यों से निर्मित कुल 16 अर्घ्य समर्पित किए गए। सर्वप्रथम प्रातः 7 बजे नित्य नियम से श्रीजी अभिषेक एवं रिद्धि सिद्धि सुख शांति प्रदाता चमत्कारिक शांति धारा की गई। ततपश्चात नंदीश्वर दीप पूजा कर विधान पूजा विधाआचार्य ब्र.सुनील भईया द्वारा आरंभ करवाई गई। जिसमे सौधर्म इंद्र मान अमित शैली जैन(राजनांदगांव) ,श्रीमती माया अमित रिया गोइल परिवार, महायज्ञनायक श्रीमती माया गोइल, कुबेर अनुराग हिना, मैना सुंदरी सोनल मनीष द्वारा अर्घ समर्पित किये गए ।

विधानाचर्य ब्र.सुनील भईया ने बताया की अष्टह्निका महापर्व में सिद्ध चक्र महामंडल विधान कर पूजन करने से लाखो गुना पुण्य फल की प्राप्ति होती है। एक पौराणिक कथा श्रीपाल चरित्र के अनुसार मैना सुंदरी ने अपने पति श्रीपाल और उनके साथ असंख्य साथियों के असाध्य कुष्ठ रोग का निवारण अष्टह्निका पर्व पर सिद्ध चक्र महामंडल विधान का आयोजन कर पंच परमेष्ठि सिद्ध भगवान की आराधना कर किया था। उन्होंने बताया कि ऐसे धार्मिक आयोजनों में समस्त समाज जन को सपरिवार शामिल होकर भाग लेने चाहिए। जिससे समाज में एकता अखंडता के साथ निरंतर धर्म में वृद्धि होती होती रहती है। विधान में प्रतिदिन समस्त दिगंबर जैन समाज के धर्म प्रेमी बंधु एवं समस्त रायपुर जैन मंदिरों के पदाधिकारी प्रतिदिन शामिल हो रहे है।

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