छत्तीसगढ़

प्रोजेक्ट दिव्य धुन: जब संगीत बन रहा हौसलों की आवाज़

रायपुर के दिव्यांग बच्चों को मिल रहा वाद्य यंत्रों का विशेष प्रशिक्षण, बन रहा एक प्रेरक म्यूजिक बैंड

 

रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। ज़िले में ऐसे विशेष बच्चे, जो अब अपने हुनर से दुनिया को बता रहे हैं कि दिव्यांग होना किसी भी तरह से उनकी प्रतिभा की सीमा नहीं है।

मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के निर्देश तथा कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन पर प्रोजेक्ट “दिव्य धुन” के अंतर्गत इन दिव्यांग छात्र-छात्राओं को कला केंद्र, रायपुर के माध्यम से गायन तथा तबला, गिटार, ढोलक, हारमोनियम जैसे वाद्य यंत्रों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उद्देश्य केवल संगीत सिखाना नहीं, बल्कि उन्हें एक मंच देना है जहां वे आत्मविश्वास के साथ अपनी कला को दुनिया के सामने रख सकें।

प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे बच्चों के चेहरे पर अब एक नई चमक है। संगीत ने उनमें नई ऊर्जा, आत्मविश्वास और पहचान का भाव भरा है। प्रशिक्षक भी इन बच्चों की सीखने की लगन से अभिभूत हैं।

“दिव्य धुन” न सिर्फ एक प्रोजेक्ट है, बल्कि यह उन अनकहे सपनों की कहानी है, जिन्हें अब सुरों की उड़ान मिल रही है। इसके ज़रिए उनके भीतर छिपी प्रतिभा को आवाज़ दे रहे हैं।”

 

 
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