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12.06.22| नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Case) में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ईडी की ओर से भेजे गए समन को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है। नोटिस के बाद राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने केंद्र सरकार पर झूठे केस लगाने का आरोप लगाया है। भाजपा ईडी (ED), सीबीआई, आईबी के सहारे से सरकार चलाना चाहती है। कांग्रेस इसका हर स्तर पर विरोध करेगी।
रायपुर पहुंचे सांसद तन्खा ने कहा कि देश में स्वतंत्रता आंदोलन की आवाज उठाने के लिए पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र शुरू किया था।
विवेक तन्खा ने बताया कि, संपादकीय उत्कृष्टता के बावजूद, नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र निरंतर आर्थिक रूप से घाटे में जाता गया, जिसके परिणाम स्वरूप इसके द्वारा देय बकाया राशि 90 करोड़ रूपए तक पहुंच गई। इस संकट में फंसे नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की सहायता के लिये कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2002 से लेकर 2011 के दौरान लगभग 100 किश्तों में इसे 90 करोड़ रूपये ऋण दिया। इसमें महत्वपूर्ण ध्यान देने वाली बात यह है कि इस 90 करोड़ रूपए की राशि में से नेशनल हेराल्ड ने 67 करोड़ रूपए अपने कर्मचारियों के वेतन और वीआरएस का भुगतान करने के लिये उपयोग किए और बाकी की राशि बिजली शुल्क, गृह कर, किरायेदारी शुल्क और भवन व्यय आदि जैसी सरकारी देनदारियों के भुगतान के लिए इस्तेमाल की गई।
बीजेपी में बैठे लोग और उनके हितैषी, जो कि नेशनल हेराल्ड को दिए गए इस 90 करोड़ रूपये के ऋण को आपराधिक कृत्य के रूप में मान रहे हैं, ऐसा वह विवेकहीनता और दुर्भावना से अभिप्रेत होकर कह रहे हैं। यह सर्वथा अस्वीकार्य है।