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महापौर राजकिशोर प्रसाद के कारण फिर नगर निगम को होना पड़ा शर्मसार, जानिए भ्रष्टाचार के बाद चोरी की वो दास्तान जिससे झुक गया नगर निगम का सर !

कोरबा। यह तो सभी जानते हैं कि कांग्रेस शासन में घोटालों और भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगते रहे, जिसमें नेता और ठेकेदारों की तूती बोलती थी। प्रदेश से तो जनता ने कांग्रेसियों को बेदखल कर दिया, पर पावरसिटी का दुर्भाग्य यह है कि अभी तक कोरबा निगम में पूर्व राजस्व मंत्री की कठपुतली बने महापौर कंबल ओढ़े घी पी रहे हैं और उनके वर्दहस्त ठेकेदार मौज काट रहे हैं। इसकी एक और बानगी उस वक्त जाहिर हुई, जब विद्युत विभाग की टीम ने अशोक वाटिका में छापामार कार्यवाही की। पता चला कि यहां बिना विधिवत कनेक्शन लिए ही पिछले दो साल से बिजली का उपयोग किया जा रहा था। विभाग ने कनेक्शन काटने की कार्यवाही की है। पर इस कार्रवाई से साफ हो जाता है कि नगर निगम में बैठे भ्रष्ट कांग्रेसियों ने कैसी लूट मचा रखी है। पहले नगर निगम के पॉपेट मेयर ने चहेते ठेकेदार को स्वीकृत दस करोड़ से बढ़ाकर अशोक वाटिका के कायाकल्प का ठेका बांट दिया और फिर मुफ्त में नौ लाख की बिजली जलाने की छूट भी मिलती रही।

वैसे तो घरेलू बिजली उपभोक्ताओं का बिल अगर हजारों में पहुंचता है तो विभाग दल-बल के साथ कनेक्शन काटने पहुंच जाती है। दूसरी ओर यहां तो अशोक वाटिका में नगर निगम के कठपुतली नुमा महापौर और अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त ठेकेदार न जाने कब से बिना वैध कनेक्शन लिए ही लाखों की बिजली चोरी छुपे फूंकता रहा। शहर के मध्य स्थित अशोक वाटिका में बगैर विधिवत कनेक्शन के बिजली का उपयोग करते पाए जाने पर वितरण अमले की टीम ने यहां की सप्लाई काटे जाने की कार्रवाई की है। नगर निगम की ओर से अशोक वाटिका का संचालन किया जाता है। इस कारण वितरण कंपनी की ओर से नगर निगम से पत्राचार करने की जानकारी भी मिली है। नगर निगम की निरंकुश सत्ता ने अशोक वाटिका पर करोड़ों रुपए खर्च कर दिए और अनेक विकास कार्यों का दावा करने वाले महापौर राजकिशोर प्रसाद के चहेते ठेकेदार ने यहां बिजली कनेक्शन की विधिवत अनुमति जैसी अनिवार्य प्रक्रिया को पूरा करने की जहमत नहीं उठाई। एक अरसे से कायाकल्प जारी है जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही। विद्युत वितरण विभाग की कार्रवाई से निगम का सर शर्मसार हुआ है।

कंबल ओढ़े घी पीते रहे महापौर, अफसरों को कमीशन वसूली से फुर्सत नहीं

एक आम नागरिक भी अशोक वाटिका को देखकर यहां हुए खर्च का आंकलन आसानी से कर सकता है। पर नगर निगम के इंजीनियर व अधिकारियों ने तो जैसे आंखें मूंद रखी है। सिर्फ कमीशन का खेला गया और चहेतों को लाभ पहुंचाया गया। हद तो ये जानकर हुई कि लगभग दो वर्षों से बिजली भी बिना किसी वैध कनेक्शन के ही बिजली का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा था। महापौर सिर्फ कठपुतली साबित हुए खेल तो कहीं और से खेला गया महापौर तो सिर्फ कंबल ओढ़े घी पीते रहे।

नगर निगम को पूर्व में भी थमाया गया था नोटिस

कनेक्शन लिए बिना ही बिजली के उपयोग के इस मामले में विद्युत विभाग का कहना है कि नगर निगम की ओर से संचालित अशोक वाटिका में विधिवत कनेक्शन नहीं लिया गया था। मगर यहां बिजली का उपयोग किया जा रहा था। वितरण कंपनी की जांच में यह पाया गया तो कनेक्शन काटने की कार्रवाई की गई है। इसके लिए पूर्व में निगम को नोटिस थमाया गया था। सरकार बदल गई पर रसूख भुनाने की जो आदत कांग्रेसियों को पड़ी हुई है, उसे जाने में समय तो लगेगा ही। लिहाजा नोटिस का भी कोई असर नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों और कठपुतली नुमा महापौर पर नहीं पड़ और मुफ्त की बिजली खपाने की मनमानी जारी रही।

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