छत्तीसगढ़

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महामंत्री राघवेंद्र सिंह ने अपने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से दिया त्यागपत्र

रायपुर। कांग्रेस पार्टी में बिखराव का दौर बदस्तूर जारी है। एक के बाद एक पार्टी के बड़े नेता और पदाधिकारी कांग्रेस छोड़ रहे हैं। इन्हीं में एक और नाम राघवेंद्र सिंह का जुड़ गया है। वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी में संयुक्त महामंत्री का दायित्व निभाते हुए इस फैसले से पार्टी को अवगत करा दिया है। श्री सिंह ने वर्षों की निष्ठा और पार्टी के प्रति अपने समर्पण के बदले उपेक्षा और पीड़ा को विराम देते हुए पार्टी की सदस्यता और तमाम पदों से त्यागपत्र दे दिया है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ के संयुक्त महामंत्री राघवेंद्र सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी जिम्मेदारियों से खुद को मुक्त करते हुए इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने पद और पार्टी से पृथक होते हुए अपना त्यागपत्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष दीपक बैज को सौंपा है। इसके अलावा उन्होंने अपने इस निर्णय से अवगत कराते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कमेटी के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह को भी प्रतिलिपि भेज दी है।

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सिंह ने सुबह ही दे दिया इस्तीफा और शाम को पार्टी से निष्कासन

राघवेंद्र सिंह ने सुबह प्रदेश अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र दिया और शाम होते होते प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उनके निष्कासन का आदेश जारी कर दिया। पार्टी से उन्हे 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इस मामले में राघवेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने आज सुबह ही पद और पार्टी से लिखित में इस्तीफा भेज भेज दिया था। उसके बाद पार्टी से निष्कासित करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। सवाल यह उठता है कि यदि कोई बात थी भी, तो नियमानुसार सबसे पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाता। फिर निलंबन और उसके बाद निष्कासन की कार्रवाई की जाती। उल्लेखनीय होगा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कई कांग्रेस नेताओ पर नोटिस और पार्टी से निलंबन की कार्रवाई की गई थी। इसे तीन माह भी नही बीते थे कि सबका निलंबन वापस भी ले लिया गया। ऐसे में राघवेंद्र सिंह को किन कारणों से पार्टी और पद से इस्तीफा देने को विवश होना पड़ा, यह तो पार्टी की अंदरूनी जांच का विषय है। जबकि गंभीर आरोपों के लिए पार्टी ने कुछ प्रमुख नेताओं को सिर्फ नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया था और उनके जवाब से संतुष्टि नहीं होने पर उन्हें केवल निलंबित किया गया और कुछ माह बाद ही उनका निलंबन समाप्त कर दिया गया।

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एक झटके में भुला दिया गया पार्टी के प्रति निष्ठा व वर्षों का योगदान

राघवेंद्र सिंह को युवक कांग्रेस, एनएसयूआई और कांग्रेस में लंबे समय से सक्रिय रहने वाले युवा नेताओ में जाना जाता रहा है ।पार्टी ने उन्हें कई विधानसभा क्षेत्रो में जिम्मेदारी सौंपी थी। लेकिन एक झटके में उसके योगदान को दरकिनार कर दिया गया ।यदि उसने पार्टी संगठन के नेताओं को सुबह ही अपना इस्तीफा दे दिया था, तो पार्टी द्वारा की गई कारवाई का कोई औचित्य नहीं रह जाता। पार्टी से निष्कासित करने के पीछे जो भी कारण हो वह एक दो दिन में स्पष्ट हो जाने की संभावना है।

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