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सरोज पाण्डेय के आगे बली का बकरा बन कांग्रेस का डगमगाता बेड़ा कौन लगाए पार, पार्टी की कद्दावर नेत्री और नेशनल आइकन सरोज पांडेय के नेतृत्व में कोरबा लोकसभा से मिशन 2024 फतह करने भाजपा तैयार, क्यों सरोज पाण्डेय को मिली कोरबा से टिकट जानिए इस ख़बर में

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कोरबा। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को संसदीय क्षेत्र कोरबा से कमल की कमान सौंपी है। भाजपा ने सरोज को सामने रख कोरबा में चुनावी शंखनाद कर दिया है पर कांग्रेस के हाथ खाली दिखाई दे रहे हैं। दो माह पहले ही विधानसभा में करारी हार के बाद सरोज पांडेय जैसी शख्सियत, नेशनल आइकन और कद्दावर कद के आगे दो माह बाद के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस का मौजूदा स्थिति भी बौनी नजर आती है, जो आने वाले कल के नतीजों की ओर यही इशारा पेश करती है कि मोदी है तो मुमकिन है।

भाजपा के टिकट पर छत्तीसगढ़ की 11 सीटों पर 11 प्रत्याशियों की घोषणा के साथ ही कोरबा और छत्तीसगढ़ में आम चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। ऐसे में कोरबा लोकसभा के लिए पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का प्रवेश कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किल बन कर पेश हो रही है। सरोज पांडेय ने छात्र जीवन से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। बहुत कम उम्र में ही अपनी लीडरशिप का लोहा मनवा चुकीं हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव के कड़वे अनुभव से उबरने का प्रयास कर रहे कांग्रेस के लिए यह नई चुनौती पार लगाना नामुमकिन सा प्रतीत होता है। दूसरी ओर कोरबा से कांग्रेस की अगुआई के लिए सुने जा रहे दो नामों सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत और पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की छवि सरोज पांडेय से टक्कर लेने की स्थिति से मैच होती नहीं दिख रही है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि सरोज पांडेय को टक्कर देने के लिए कांग्रेस किसे मैदान में उतारती है। सरोज पांडेय एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं। वे दुर्ग से लोकसभा सांसद रही हैं। पूर्व छत्तीसगढ़ विधान सभा में वैशाली नगर से विधायक रह चुकी हैं। बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडे ने वर्ष 2018 में भी छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की एकमात्र सीट पर कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी लेखराम साहू को हराया था। पूर्व राज्यसभा सांसद और भाजपा की कद्दावर नेत्री सरोज पांडेय इस बार कोरबा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। पार्टी हाईकमान ने उन्हें कोरबा लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। सरोज पांडेय छत्तीसगढ़ की पहली निर्वाचित राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं। इसके अलावा वह छत्तीसगढ़ की एकमात्र ऐसी नेत्री हैं, जो एक ही साल में दुर्ग जिले से महापौर, विधायक और सांसद रहीं। कांग्रेस पार्टी में अपने प्रत्याशियों को उतारने के लिए मंथन जारी है। इस बार बीजेपी जहां 400 के पार का नारा दे रही है। वहीं कांग्रेस की ओर से कोरबा के लिए मौजूदा सांसद श्रीमती ज्योत्सना चरण दास महंत और बीते विधानसभा में जोरदार शिकस्त का स्वाद चख चुके पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के नाम पर भी चर्चा सरगर्म है। सक्ति विधायक और छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत पहले ही लोकसभा के मैदान में न उतरने का ऐलान कर चुके हैं। पर बीते पांच साल की निष्क्रियता और उदासीन छवि के लिए सांसद ज्योत्सना और विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री जयसिंह के प्रति दिख चुका जनता का आक्रोश बीजेपी की दमदार महिला नेत्री सरोज पांडेय के जीत की राह को प्रशस्त करने का महत्वपूर्ण जरिया बन सकता है। पांडेय के सामने आने जहां कोरबा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ताओं में अतुल आत्मविश्वास की लहर दौड़ गई है, पार्टी संगठन भी कोरबा सीट पर जीत को लेकर आश्वस्त है।

महाराष्ट्र में बड़ी जिम्मेदारी निभाई, पेश की सफल रणनीति

इसके पहले भाजपा ने सरोज पांडेय को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ी जिम्मेदारी दी। वहां सफलता मिलने के बाद उन्हें 2018 में छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद बनाया गया और अब 2024 में कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं। कोरबा लोकसभा की बात करें तो यह तीन जिलों के 8 विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बना है। इस लोकसभा में कोरबा जिला की 4 विधानसभा, कोरिया जिला की 3 और जीपीएम जिला का मरवाही विधानसभा शामिल है। मौजूदा वक्त में 8 विधानसभा क्षेत्र में 6 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि रामपुर विधानसभा में कांग्रेस और पाली-तानाखार विधानसभा में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का कब्जा है।

आइए अपने लोकसभा प्रत्याशी सरोज पांडेय को जानें

सरोज पांडेय छत्तीसगढ़ की एकमात्र ऐसी नेता हैं, जो एक ही साल में दुर्ग जिले से महापौर, विधायक और सांसद रहीं। 

सरोज पांडेय का जन्म 22 जून 1968 को छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुआ।

माता-पिता गुलाब देवी- श्यामजी पांडेय।

पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय से शिक्षा ली।

साल 2000 पहली बार और 2005 में दूसरी बार दुर्ग की मेयर बनीं। 

10 साल तक लगातार बेस्ट मेयर के अवॉर्ड से सम्मानित।

साल 2008 में पहली बार वैशाली नगर से विधायक बनीं।

साल 2009 के दुर्ग संसदीय सीट से सांसद बनी।

2013 में भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं।

साल 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू से शिकस्त मिली।

इसके बाद भी पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया।

साल 2018 में पहली बार निर्वाचित राज्यसभा सांसद बनीं।

कांग्रेस के प्रत्याशी लेखराम साहू को हराया था।

साल 2023 में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनीं।

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