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Dhanteras का महत्व: धन और समृद्धि का त्यौहार

Gram Yatra Chhattisgarh
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धनतेरस का परिचय

धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दीपावली महापर्व की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार धन और समृद्धि के देवता, धन्वंतरि को समर्पित है। धनतेरस पर लोग नए बर्तन, सोने-चाँदी के आभूषण और अन्य कीमती सामान खरीदते हैं, जो समृद्धि और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

महत्व और मान्यता

धनतेरस के दिन की मुख्य मान्यता यह है कि इस दिन जो भी व्यक्ति धन, स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए पूजा-पाठ करता है, उस पर देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसे शुभ मानते हुए लोग अपने घरों में धन का स्वागत करने के लिए तैयारी करते हैं। यहां तक कि कई लोग मानते हैं कि इस दिन खरीदारी करने से धन में वृद्धि होती है और समृद्धि आती है।

धनतेरस पर की जाने वाली पूजा

इस दिन लोग विशेष रूप से लक्ष्मी-पूजन करते हैं। लोग अपने घरों और व्यवसायों में लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनके स्वागत के लिए दीप जलाते हैं। धनतेरस पर पूजा करते समय लोग भगवान धन्वंतरि का ध्यान करते हैं, जो औषधियों के देवता हैं। यह दिन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है, इसलिए इस दिन आयुर्वेदिक औषधियों का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।

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