छत्तीसगढ़

साला ने किया जीजा का खून

कोरबा । हत्या का आरोपी 48 घण्टो के भीतर पुलिस के गिरफ्त में है। सुकृता कंवर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 07.10.2024 को अपने डयूटी मे प्रयास हॉस्टल डिंगापुर चली गई थी तथा घर में इसका पति मृतक शिव कुमार कंवर एवं इसका बेटा देवाशीष था । जो इसका पति शिव कुमार कंवर इसे फोन कर बताया कि तुम्हारा भाई दादू उर्फ चन्द्र भुवन कंवर घर आया है तुमसे बात करना चाहता है। तब यह अपने भाई से बात की और इसका भाई बताया कि डेविड मुझे मारने के लिए दौड़ा रहा है इसलिए तुम लोग के यहां आया हूं। तब यह अपने पति मृतक शिव कुमार कंवर को बोले की दादू उर्फ चंद्रभुवन कंवर को तुम खाना खिला दो तब इसका पति मृतक शिव कुमार कंवर बोला कि इसे कितना खिलाउं,कितना दान करूं कहकर फोन रख दिये।

रात्रि 8.23 बजे इसे फोन कर बताये कि तुम्हारे पापा रोते हुए जा रहे कि मेरे दामाद को कोई मार दिया तब यह घर जाकर देखी तो इसका पति मृतक शिव कुमार कंवर की लाश घर के परछी पर खून लतपत पडा था। जिसके सिर गला चेहरा पर गहरा चोट का निशान था किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा टांगी जैसी धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई है कि रिपोर्ट पर मर्ग इंटिमेशन चाक कर जांच पंचनामा कार्यवाही में लिया गया था जो विवेचना दौरान मामले में अज्ञात आरोपी के विरूध्द धारा 103 (1) बीएनएस पंजीबध्द किया गया। हत्या के आरोपी की पतासाजी हेतु पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं नगर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में थाना सिविल लाईन स्टाफ एवं सायबर सेल कोरबा की टीम गठित की जाकर आरोपी की पतासाजी की जा रही थी।

आरोपी/संदेही दादू उर्फ चंद्रभुवन कंवर का ग्राम गिधौरी मे होना पता चला है जिसे सायबर सेल की टीम के द्वारा आरोपी संदेही दादू उर्फ चंद्रभुवन कंवर को ग्राम गिधौरी से थाना लाकर पेश किये है। जो आरोपी दादू उर्फ चंद्रभुवन पिता मंगल सिंह कंवर उम्र 34 वर्ष निवासी सिंचाई कालोनी रामपुर जिला कोरबा से पूछताछ किया गया जो बताया कि मेरे जीजा मृतक शिव कुमार कंवर के द्वारा मेरी दीदी से मुझे काम धाम नहीं करना, फालतू पडा रहना बोले जाने पर उसकी बातो का बुरा मानकर टांगी से मारकर हत्या करना स्वीकार किया जिसका मेमोरेण्डम कथन लिया गया घटना में प्रयुक्त टांगी को जप्त किया जाकर विधिवत गिर. कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया। आरोपी की गिरफ्तारी में वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देशानुसार सायबर सेल कोरबा के प्रआर राजेश कंवर, आरक्षक सुशील यादव, आरक्षक रितेश शर्मा, आरक्षक आलोक टोप्पो, आरक्षक खेमराज राजपूत एवं रक्षित केन्द्र कोरबा की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।

 

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