छत्तीसगढ़

गांधी जी सत्य और अहिंसा के बल से देश आजाद हुआ

दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्व मंत्री बदरूद्दीन कुरैशी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी 155वीं जयंती एवं भारत के दूसरे प्रधानमंत्री एवं भारतरत्न श्री लालबहादुर शास्त्री जी के 120वीं जयंती के अवसर पर कैम्प-1 गांधी चैक में गांधी जी के प्रतिमा एवं लालबहादुर शास्त्री जी के तैल्यचित्र पर माल्यअर्पण कर ंजयंती मनाई।

कुरैशी ने बताया सत्य और और अहिंसा के सिद्धान्तों पर चलकर भारत को आजादी दिलाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। गांधी जी के सत्य और अहिंसा के सिद्धान्तों पर चलकर दुनिया के अन्य देश जो गुलामी में जिन्दगी जी रहे थे उन्हें भी आजादी दिलाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की अहम भूमिका रहीं दुनिया का हर देश अच्छी तरह से जानता है।

श्री लालबहादुर शास्त्री जी देश के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया और सन् 1965 में पाकिस्तान ने हमारे देश में युद्ध छेड़ दिया उस वक्त हमारे देश की आर्थिक स्थिति खराब थी अनाज के लिए हमें दूसरे देशों का सहारा लेना पड़ता था इस बात का शास्त्री जी को बहुत दुःख था युद्ध के साथ देश के किसानों एवं नौजवानों में उर्जा पैदा करने “जय जवान जय किसान“ का शास्त्री जी ने नारा दिया और वह नारा इतना कारगर साबित हुआ कि सन् 1965 के बाद पूरे देश में इतना अनाज पैदा होने लगा कि आज 140 करोड़ कि अबादी होने के बावजूद शास्त्री जी के कारण अन्न के मामले में हमारा देश स्वालम्बी है

कार्यक्रम में समय लाल साहू, बैजनाथ शुक्ला, रामा विश्वकर्मा, दुर्गा साहू, मेंरिक सिंह, जवाहर भाई, दीदार भाई, नजमुनिशा, पप्पू पाण्डेय, नईम बेग, गायत्री देवांगन, जोगा राव, सलीम, शहीद भाई, कन्हैया चूरहे, कृष्णा सिंह, मोहन गुप्ता, शत्रुहन, धर्मेंद्र, तुषार देवांगन, कल्लन भाई, रामजी पटेल, राकेश उपाध्याय, रोशन अहमद, इन्द्रेश, पंडित जी, ईश्वर राव, चमन साहू आदि उपस्थित थे।

 

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