छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट में राज्य स्तरीय कान्फ्रेंस आयोजित, न्यायपालिका की सशक्त भूमिका पर चर्चा

रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में रविवार को जिला न्यायपालिका के सशक्तीकरण और सिविल व आपराधिक विधि पर राज्य स्तरीय कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा थे। तीनों न्यायमूर्तियों की इस साझा भागीदारी ने कान्फ्रेंस की गंभीरता और जिला न्यायपालिका की न्यायिक प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।

कान्फ्रेंस का उद्घाटन न्यायमूर्ति सूर्यकांत द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने जिला न्यायपालिका की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि पक्षकारों का न्याय से सबसे पहला संपर्क जिला न्यायपालिका से होता है, इसलिए उनकी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने जोर दिया कि तकनीकी अड़चनों के बावजूद एक न्यायाधीश को तर्कसंगत और निष्पक्ष निर्णय लेने में सक्षम होना चाहिए। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने न्यायिक प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं के समाधान के लिए संस्थागत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

न्यायपालिका की जिम्मेदारी और सुधारों पर विशेष जोर
न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा ने अपने संबोधन में जिला न्यायपालिका की भूमिका को केवल वैधानिक नहीं बल्कि संवैधानिक आधार पर भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने जिला न्यायपालिका को स्थानीय रीति-रिवाजों और बोली-भाषाओं को बेहतर तरीके से समझने वाला बताया, जो न्याय की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाता है। साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों को तकनीकी संसाधनों से लैस करने पर जोर दिया, लेकिन यह भी आगाह किया कि पूरी तरह से प्रौद्योगिकी या कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर निर्भर रहना खतरनाक हो सकता है।

नए कानूनी प्रावधानों के प्रति सतर्कता की आवश्यकता

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने कानूनी प्रावधानों के प्रति जिला न्यायपालिका की सतर्कता और उनके निर्वचन की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जिला न्यायालयों का दृष्टिकोण उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों की नींव होता है। इसलिए नए कानूनों को लागू करने में जिला न्यायपालिका को बेहद सावधानीपूर्वक कदम उठाने चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में छत्तीसगढ़ जिला न्यायपालिका पर आधारित पुस्तक “डिस्ट्रिक्ट कोर्ट्स ऑफ छत्तीसगढ़” का अनावरण किया गया। इस पुस्तक में राज्य के सभी जिला न्यायालयों के इतिहास, संस्कृति और न्यायिक कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button