June 27, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान हेतु उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देश पर टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारीछत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ ने पद्मश्री पं. सुरेंद्र दुबे को दी श्रद्धांजलियुवक के हाथ-पैर बांधकर बोलेरो से 7 बार कुचला:मौत नहीं हुई तो पत्थर से सिर फोड़ा, फिरौती के लिए मर्डर,3 आरोपियों को उम्रकैद…पदक प्राप्त राष्ट्रीय खिलाड़ियों का सम्मानराज्यपाल ने गोद ग्राम सोनपुरी के विकास कार्यों का लिया जायजामंत्रिमंडलीय उप समिति का फैसला : चावल जमा की समय-सीमा 5 जुलाई तक बढ़ीपद्मश्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे के निधन पर सांसद बृजमोहन ने जताया गहरा शोकपद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे के निधन पर सीएम साय ने जताया शोकसुदूर अंचल में वन विभाग की ऐतिहासिक पहल, कूप कटाई और वन संसाधनों से ग्रामीणों को मिला नया सहाराकेंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने मीसा बंदियों का किया सम्मान
Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

कोरबा – बालको संयंत्र की मनमानी किसी से छुपी नहीं है यहां सालो से कानून को धता बताकर न केवल श्रमिको का शोषण किया जा रहा है बल्कि शासन प्रशासन को भी खुला चैलेंज किया जा रहा है। सरकार बदलने के बाद भी बालको की मनमानी जोरो पर है यहां कथित रूप से सिंह साहब का नाम काफी चर्चित है। बताते है सिंह साहब का रुतबा ऐसा है कि वो किसी भी अधिकारी नेता को सेट करने में काफी माहिर है। उनकी शह पर ही बालको की मनमानी कांग्रेस सरकार के साथ अब भी जारी है। आलम ये है कि श्रम मंत्री के जिले में श्रम कानूनों को ताक पर रखा जा रहा है बावजूद जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने के बजाए दफ्तर में एसी की हवा खा रहे है। वैसे तो बालको के मनमानियों की लंबी फेहरिस्त है जिससे हम सिलसिलेवार पर्दा उठाएंगे। फिलहाल एक ताज़ा घटनाक्रम से आपको रूबरू करवाते है।

आरएसएस के अनुषांगिक संगठन बालको कर्मचारी संघ (भा.म.सं.) की एक शिकायत पर सहायक श्रमायुक्त कार्यालय/संधारण अधिकारी के समक्ष मामले में सुनवाई जारी है। आरोप है कि इसी बीच प्रबंधन ने संगठन के प्रमुख पदाधिकारी न केवल धमकाया जा रहा है बल्कि बालको से दूर स्थानांतरित भी किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कृत्य बालको के अधिकारी विजय साहू और सुधीर कुमार द्वारा किया जा रहा है। नियमों के मुताबिक यदि कोई औद्योगिक विवाद अगर संधारण अधिकारी के समक्ष लंबित है तो उस विषय से संबंधित और प्रभावित कर्मियों पर कोई भी कार्रवाई करने से पूर्व नियोक्ता को संधारण अधिकारी की जानकारी में विषय लाना चाहिए। अत्यावश्यक होने से अनुमति उपरांत कार्रवाई सुनिश्चित होनी चाहिए लेकिन यहां सिंह साहब के प्रभाव के कारण बालको के अधिकारी नियमो की परवाह तो मानो भूल ही गए है उनको फिक्र है तो कैसे भी कर कंपनी की नज़रों में बेहतर बनने की भले इसके लिए श्रमिको का कितना भी अहित क्यों नहीं करना पड़ जाए। हालांकि बालको की शिकायत मंत्री जी तक भी पहुंची है जिस पर माकूल कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है ऐसे में बालको की मुश्किलें आने वाले समय में बढ़नी तय मानी जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close