April 21, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भक्त माता कर्मा जयंती महोत्सव में की शिरकतपशु मोबाइल मेडिकल एम्बुलेंस घर पहुंच सेवा प्रदान करेगाबड़ेसट्टी बनी छत्तीसगढ़ की पहली नक्सल मुक्त पंचायतजम्मू-कश्मीर में बादल फटने से 3 लोगों की मौतआइसक्रीम फैक्ट्री के फैक्ट्री संचालक सहित चार आरोपी गिरफ्तारछत्तीसगढ़ के लोगों के व्यवहार से काफी खुश नजर आए वॉलीवुड कलाकार असरानीघायल बाघ का जंगल सफारी में इलाज जारी, बाघ के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीदरतनपुर में 31 बटुकों का भव्य उपनयन संस्कार सम्पन्नप्रयागराज में महाकुंभ स्नान के दौरान लापता हुए 75 वर्षीय बुजुर्ग की तलाश जारीशोक संतृप्त परिजनों से मिलकर सांसद ने बंधाया ढांढस
छत्तीसगढ़

वीर सावरकर का काउंटर: अब कांग्रेस ने इन्हें की भारत रत्न देने की मांग

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

भाजपा द्वारा वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग करने के बाद कांग्रेस ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार देने की मांग कर दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा हाल ही में महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग का जिक्र किया गया। इसके बाद से ही हिंदुत्व आइकन रहे दिवंगत विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने की बहस छिड़ गई है।
इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दल अलग-अलग खेमों में बंटे नजर आए। यही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी इस मुद्दे पर विभाजित नजर आई। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को मरणोपरांत भारत रत्न देने की अपील की।
एक ट्वीट में तिवारी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को औपचारिक रूप से एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को भारत रत्न देने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही उन्होंने चंडीगढ़ हवाई अड्डे को भगत सिंह की याद में समर्पित करने की बात कही। उन्होंने तीनों शहीदों को ‘शहीद-ए-आजम’ के सम्मान से सम्मानित करने की भी मांग की।
अपने पत्र में तिवारी ने कहा कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने 23 मार्च 1931 को अपने सर्वोच्च बलिदान के साथ निर्दयी ब्रिटिश साम्राज्यवाद के प्रतिरोध के साथ देशभक्तों की एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, “26 जनवरी 2020 को इन तीनों शहीदों को भारत रत्न दिया जाए।”
उन्होंने कहा कि यह कदम 124 करोड़ भारतीयों के दिल और आत्मा को छू जाएगा। दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सावरकर को एक राष्ट्रवादी बताया है। एक ट्वीट में राज्यसभा सांसद ने कहा था, “वह एक कुशल व्यक्ति थे, जिन्होंने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में एक भूमिका निभाई, दलित अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और देश के लिए जेल गए।”
यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था, “कांग्रेस सावरकर के खिलाफ नहीं है, वह केवल उनकी हिंदुत्व विचारधारा का विरोध करती है।” कांग्रेस नेताओं के अनुसार, सावरकर को भारत रत्न देना भाजपा सरकार की अपनी विचारधारा को अधिक वैधता प्रदान करने के लिए एक बड़ी योजना होगी। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में तिवारी ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के लिए भारत रत्न की मांग की, जिनकी देश के लिए कुबार्नी निर्विवाद है। इस तरह से कांग्रेस ने भाजपा के रास्ते में एक बड़ी बाधा ला दी है।
भाजपा और शिवसेना ने महाराष्ट्र चुनाव के दौरान कई मौकों पर सावरकर की बहस को चिंगारी देने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान उनके लिए भारत रत्न की मांग नहीं की। देश में अपने मौजूदा व्यापक राजनीतिक वर्चस्व के कारण अब इस वादे को संघ परिवार के नए विश्वास की अभिव्यक्ति के रूप में देखा जा रहा है।
कांग्रेस के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि भाजपा के लिए सावरकर को भारत रत्न देने का रास्ता आसान नहीं होगा, क्योंकि उन्हें हमेशा एक विवादास्पद व्यक्ति के रूप में माना जाता रहा है। सावरकर का जन्म 23 मई 1883 को महाराष्ट्र के नासिक शहर के पास भागुर गांव में मराठी चितपावन ब्राह्मण हिंदू परिवार में हुआ था।

gramyatracg

Related Articles

Check Also
Close