September 2, 2025 |

NEWS FLASH

Latest News
“पापा, मैं ठीक हो जाऊंगी ना?” – दिल की बीमारी से जूझ रही मासूम शांभवी गुरला का सवालदुष्कर्म के आरोपी डिप्टी कलेक्टर दिलीप उइके को नहीं मिली जमानतरक्तदान एक महान और जीवनदायी कार्यदरिमा में 35 ग्रामीणों ने सीखा राजमिस्त्री एवं रानी मिस्त्री का हुनरअंबेडकर अस्पताल के नर्सिंग कर्मचारियों को भी मिले वेतन वृद्धि का लाभ: NSUIस्मार्ट मीटर बना मुसीबत: 200 रुपए से अचानक 22 हजार का बिजली बिल…प्रोजेक्ट पाई पाई : एसबीआई चीफ मैनेजर ने दिए वित्तीय योजनाओं की जानकारीकारखानों में श्रमिकों के नियमित स्वास्थ्य जाँच में नहीं चलेगी मनमानी, श्रम मंत्री ने दिए कड़े निर्देशप्रोजेक्ट सुरक्षा के तहत छात्रों एवं कर्मचारियों को मिला जीवनरक्षक प्रशिक्षण12 घंटे से शबरी नदी में फंसे व्यक्ति को भारतीय वायुसेना व जिला प्रशासन ने सुरक्षित निकाला
छत्तीसगढ़

भाजपा का दोहरा-तिहरा चरित्र बेनकाब : मोदी और शाह देश से माफी मांगे – कांग्रेस

सौमित्र और साध्वी को निलंबन नोटिस दिखावा मात्र : हिम्मत है तो पार्टी से निकाल बाहर करें

Gram Yatra Chhattisgarh
Listen to this article

रायपुर। सौमित्र और साध्वी के शर्मनाक बयानों की कड़ी निंदा करते हुये श्री त्रिवेदी ने कहा है कि महात्मा गांधी जी और गोडसे को लेकर दिये गये इन बयानों से भाजपा का दोहरा-तिहरा चरित्र बेनकाब हो गया है। इन बयानों के लिये मोदी और शाह देश से माफी मांगे। सौमित्र और साध्वी को भाजपा का निलंबन नोटिस दिखावा मात्र है। भाजपा में हिम्मत है तो इन नेताओं को पार्टी से निकाल बाहर करें।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि यह गांधीजी की ही ताकत है जो 5 साल तक प्रेस से बचने वाले मोदी को भी मजबूर होकर आज प्रेस कान्फ्रेंस करना पड़ा। *आज की पत्रकारवार्ता में मोदी जी ने एक भी सवाल का उत्तर नहीं दिये, मोदी जी के पास कोई जवाब ही नहीं है, वो कहां से उत्तर देंगे।* अगर चुनाव नहीं होते तो भाजपा साध्वी और अनिल सौमित्र के साथ खड़ी होती।
भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुये श्री त्रिवेदी ने कहा है कि पाकिस्तान में तो कामदे आजम जिन्ना की समाधि में फूल चढ़ाने भाजपा सरकार के उपप्रधानमंत्री आडवाणी जी गये थे। नवाज शरीफ की माता जी के जन्मदिन पर मोदी जी बिन बुलाये पाकिस्तान चले गये थे। अटल बिहारी बाजपेयी जी भी तो ‘‘सदा-ऐ सरहद’’ नाम से चलाई गयी बस की पहली ट्रिप में, उद्घाटन ट्रिप में बैठकर पाकिस्तान चले गये थे। 1925 में आरएसएस की स्थापना के समय आरएसएस और मुस्लिम लीग दूसरे की मददे करते ही आ रहे है। दरअसल साम्प्रदायिकता अपने अस्तित्व के लिये विपरीत साम्प्रदायिकता पर ही निर्भर करती है। आरएसएस और भाजपा भी साम्प्रदायिकता पर ही अपने अस्तित्व के लिये निर्भर है।

Related Articles

Check Also
Close