कोरबा: नगर निगम चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की मिलीभगत का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। वार्ड 26 से भाजपा प्रत्याशी अजय विश्वकर्मा का एक ऑडियो वायरल हो चुका है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि दोनों पार्टियों ने आपसी समझौता कर लिया है। इस कथित डील के तहत भाजपा को पार्षद पद और कांग्रेस को महापौर पद देने की सहमति बनी है।
इस ऑडियो में भाजपा प्रत्याशी खुद स्वीकारते सुनाई दे रहे हैं कि भाजपा और कांग्रेस इस चुनाव में अंदरखाने एक साथ हैं। इस खुलासे के बाद भाजपा और कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया है। जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है, क्योंकि जिस चुनाव को वे दो विरोधी पार्टियों के बीच संघर्ष मान रहे थे, वह केवल सत्ता के लिए खेला जा रहा था।
अजय विश्वकर्मा ने कांग्रेस से गुप्त समझौता कर लिया?
पहले से ही बाहरी प्रत्याशी होने के कारण वार्ड में अजय विश्वकर्मा के प्रति नाराजगी थी। चुनाव प्रचार के शुरुआती दिनों में उन्होंने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करने की कोशिश की, लेकिन जब जनता के बीच इसका असर नहीं दिखा, तो उन्होंने कांग्रेस से अंदरखाने हाथ मिला लिया।
भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी इसलिए भी बढ़ रही है, क्योंकि अजय विश्वकर्मा ने महापौर प्रत्याशी संजू देवी राजपूत को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया है। पूरे चुनाव के दौरान उनके लिए न कोई रैली की गई, न प्रचार किया गया। भाजपा के अन्य पार्षद प्रत्याशियों ने जहां अपने पोस्टरों में महापौर प्रत्याशी को जगह दी, वहीं अजय विश्वकर्मा ने सिर्फ अपने कटआउट्स लगवाए।
डॉ. राजीव सिंह का अजय के पक्ष में प्रचार, पार्टी नेतृत्व ने बनाई दूरी
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह इस वार्ड में अजय विश्वकर्मा के लिए लगातार प्रचार कर रहे हैं, जबकि उनकी जिम्मेदारी पूरे जिले के छह निकायों में प्रचार करने की थी। भाजपा के बड़े नेताओं ने पहले ही अजय से दूरी बना ली थी, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि पार्टी हाईकमान को पहले से ही संदेह था कि अजय विश्वकर्मा कांग्रेस से मिले हुए हैं।
भाजपा-कांग्रेस गठबंधन की चालबाजी?
पिछले 15 वर्षों से कोरबा विधानसभा में कांग्रेस का विधायक रहा है, और अब भाजपा पर आरोप लग रहे हैं कि वह कांग्रेस से गुप्त समझौता कर चुकी है। इस डील के कारण स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, क्योंकि वे कांग्रेस के खिलाफ लड़ने के लिए मैदान में उतरे थे।
इस राजनीतिक साठगांठ की सबसे बड़ी निशानी यह है कि कांग्रेस प्रत्याशी रूपेश चंद्रा ने वार्ड 26 में प्रचार तक नहीं किया। वे केवल कृष्णा नगर में सक्रिय हैं, जबकि रविशंकर नगर को भाजपा के हवाले छोड़ दिया गया।
भ्रष्टाचार से घिरे अजय विश्वकर्मा के करीबी!
भाजपा प्रत्याशी अजय विश्वकर्मा की करीबी टीम में भ्रष्टाचार के आरोपी लोग भरे पड़े हैं—
- राजू जायसवाल: रविशंकर नगर की सफाई का ठेका 10 साल तक इसने लिया और 1.32 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया। इस दौरान पूरे वार्ड में गंदगी और कचरे का अंबार लगा रहा।
- राजन बर्नवाल: पहले कांग्रेस का प्रत्याशी था, अब भाजपा के लिए धर्म के नाम पर वोट मांग रहा है। इस पर सरकारी जमीन हड़पने के कई मामले दर्ज हैं।
- नूतन राजवाड़े: कई एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर पेट्रोल पंप बनवाया। मौजूदा कलेक्टर ने अवैध निर्माण हटाकर पेट्रोल पंप का लाइसेंस तक रद्द कर दिया।
वार्ड 26 में विकास कार्य रोकने की साजिश!
निवर्तमान पार्षद अब्दुल रहमान ने करीब 2 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण की स्वीकृति कराई थी। ठेकेदार ने पुरानी सड़क उखाड़कर नई सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया था, लेकिन यहां से हार चुके राजन बर्नवाल ने अपने आका से इसका बदला लेने कहा तब कांग्रेस के पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के इशारे पर महापौर राजकिशोर ने इस काम को रुकवा दिया।
एक साल तक रविशंकर नगर की जनता धूल फांकती रही। जब जनता ने चुनाव में जयसिंह अग्रवाल को तगड़ी हार दी, तो अब अजय विश्वकर्मा उसी कांग्रेस से मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
इस ऑडियो के सामने आने के बाद मतदाताओं में रोष बढ़ गया है। जनता अब सवाल कर रही है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही केवल सत्ता की राजनीति कर रही हैं, जबकि आम जनता के हितों को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।
अब देखना यह होगा कि कोरबा की जनता इस गुप्त गठबंधन को सबक सिखाएगी या इसे स्वीकार कर लेगी?