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आखिरकार हटाई गई ‘वसूलीबाज़’ डीपीओ रेनु प्रकाश — ग्राम यात्रा की खबर का बड़ा असर

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कोरबा। ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ की लगातार, तथ्य आधारित और निर्भीक पत्रकारिता का बड़ा असर अब देखने को मिला है। महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेनु प्रकाश को आखिरकार विभाग से हटा दिया गया है। विभाग में लंबे समय से चल रहे भ्रष्टाचार, मानसिक उत्पीड़न और ‘रिश्वत वसूली’ के गंभीर आरोपों के बाद आज संचालनालय ने त्वरित कार्रवाई की है।

संचालनालय महिला एवं बाल विकास, छत्तीसगढ़ के संचालक पदुम सिंह एल्मा के हस्ताक्षर से जारी आदेश में रेनु प्रकाश को एकतरफा भारमुक्त करते हुए उनका स्थानांतरण कोंडागांव कर दिया गया है। आदेश तत्काल प्रभावशील किया गया है। विभाग ने जिला कार्यक्रम अधिकारी का प्रभार अस्थायी रूप से गजेंद्र सिंह देव को सौंपा है।

ग्राम यात्रा ने किया था भ्रष्टाचार का खुलासा

कुछ दिन पहले ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ ने विभाग के अंदर चल रहे दबाव, अपमान और वसूली तंत्र की परतें उजागर की थीं। खबर में परियोजना अधिकारी ममता तुली की उस गंभीर शिकायत को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था, जिसमें उन्होंने डीपीओ रेनु प्रकाश पर 50,000 रुपये की रिश्वत मांगने, दिव्यांगता का मज़ाक उड़ाने, और रात 8 बजे तक कार्यालय में बिठाकर अपमानित करने जैसे आरोप लगाए थे।

ममता तुली के पत्र में लिखा गया था — “डीपीओ ने कहा कि जब तक पैसा नहीं दोगी, तुम यहां से नहीं जाओगी… और मैं लिए बिना नहीं जाऊंगी।” इस खबर के सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था।

कार्रवाई के बाद कर्मचारियों में राहत

विभाग में कई कर्मचारी लंबे समय से मानसिक दबाव में थे। शासन की इस कार्रवाई के बाद अब उनमें राहत की लहर है। कर्मचारियों ने कहा कि “ग्राम यात्रा ने जो मुद्दा उठाया, वही आज न्याय की दिशा में पहला कदम बना।”

विभागीय सूत्रों के अनुसार

विभागीय सूत्रों ने बताया कि संचालक स्तर पर मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल निर्णय लिया गया। कोरबा से रेनु प्रकाश की रवानगी के साथ अब विभागीय जांच की औपचारिक प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।

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रेनु प्रकाश ने क्या कहा ?

रेनु प्रकाश ने रिश्वत के आरोपों से इंकार किया है और कहा कि बैठक योजनाओं की समीक्षा के लिए थी। उन्होंने कहा कि “सेवा पुस्तिका अपने पास रखने के मामले में ममता तुली को नोटिस दिया गया था, जिससे वे क्षुब्ध होकर शिकायत कर रही हैं।”

ग्राम यात्रा की रिपोर्टिंग का असर

ग्राम यात्रा ने इस पूरे मामले को लगातार प्रमुखता से उठाया — चाहे वह ममता तुली की दर्दभरी शिकायत हो या विभाग में व्याप्त मनमानी का सिलसिला। हमारी खोजी रिपोर्टिंग के बाद ही उच्च स्तर पर यह मामला पहुंचा और आखिरकार शासन ने एक्शन लिया।

विभागीय भ्रष्टाचार के खिलाफ ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ की यह रिपोर्टिंग अब एक उदाहरण बन चुकी है कि जब मीडिया अपनी ज़िम्मेदारी निभाए — तो व्यवस्था झुकती है, और सच की जीत होती है।


✍️ रिपोर्ट — ग्राम यात्रा संवाददाता, कोरबा

“हम हर उस आवाज़ को उठाते रहेंगे जो दबाई जाती है…”

 
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