छत्तीसगढ़

लंच विथ कलेक्टर में बच्चों ने कही मन की बात

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25 साल बाद लाल गलियारे से बाहर निकल देखा आजादी का जश्न

 

बीजापुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़)। जिला प्रशासन बीजापुर द्वारा माओवादी भय के तिलस्म को तोड़कर भविष्य की नई इबारत लिखने की मुहिम को अमली जामा पहनाने का प्रयास कर रहा है ।

खास मौका था जश्ने आजादी का कार्यक्रम और 11 गांव के शाला त्यागी और अप्रवेशी बच्चों की मौजूदगी। ये बच्चे सामान्य परिवेश नहीं बल्कि उस इलाके से आए थे जहां सरकारी नुमाइंदों और दीगर लोगों के लिए  कदम रख पाना नामुमकिन होता है।

बीजापुर ब्लॉक के एड्समेटा, करका, कोरचोली, तोड़का, सावनार, नेनड्रा, इतावर, उसूर ब्लॉक के भट्टीगुड़ा कोंडापल्ली, भोपालपटनम के अन्नाराम और भैरमगढ़ के कोतरापाल में वेंडे स्कूल दायकाल अभियान के तहत 20 सालों से बंद स्कूलों का इस साल पुनः संचालन किया गया।

छत्तीसगढ़ सरकार के शांति विकास और सुरक्षा अभियान के तहत नियद नेल्लानार क्षेत्र को विकसित करने की मुहिम से 16 स्कूलों को फिर से संचालित किया गया। इन इलाकों में ज्यादातर स्थानों पर स्कूल खोलना एक बड़ी चुनौती मानी जाती है लेकिन जिला प्रशासन के दृढ़ संकल्प ने इसे आसान  बना दिया।

वेंडे स्कूल दायकाल अंतर्गत इन दुर्गम और हिंसा ग्रस्त इलाकों का सर्वे करने के पश्चात स्कूल खोलने की कवायद की गई और इस शिक्षा सत्र में इसे संचालित करने में जिला प्रशासन को बड़ी कामयाबी मिली ।

स्कूल खोलने के बाद एक बड़ी चुनौती इन इलाके के बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ बेहतर दिशा देने की रही जिसके फलस्वरूप कलेक्टर ने इन बच्चों के साथ लंच विथ कलेक्टर का आयोजन किया और इस दौरान उनकी परिस्थितियों और मनोभावों को समझा। लंच के दौरान बच्चों ने बातों बातों में कलेक्टर से अपने मन की बात कही। करका गांव की लक्ष्मी और अनन्या ने कहा कि डाक्टर और मैडम बनने के लिए कितना पढ़ना है।

 

कलेक्टर ने दोनों बच्चों को प्राथमिक से हायर सेकेंडरी तक की पढ़ाई में नियमित स्कूल जाकर मेहनत करने और नीट और बीएड जैसे पाठ्यक्रम को लक्ष्य बनाकर पढ़ने हेतु प्रोत्साहित किया।

कोंडापल्ली और भट्टीगुड़ा के शाला त्यागी बच्चों के फिर स्कूल आने पर कलेक्टर ने उनकी तारीफ की और आगे नियमित पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। इन गांवों से आए शिक्षादूतों से मुलाकात कर कलेक्टर ने कहा कि आपकी जिम्मेदारी बड़ी और चुनौतीपूर्ण इसे बेहतर ढंग से निभाने का प्रयास करें।

 

बच्चों ने देखा परेड, और बजाते रहे तालियां

माओवाद के अंधेरे से बाहर निकल बच्चों को पहला अवसर मिला जिला मुख्यालय में आयोजित स्वतंत्रता समारोह के परेड देखने का। मार्च पास्ट के साथ आकर्षक नृत्य देखकर बच्चे तालियां बजाते रहे। सेंट्रल लाइब्रेरी में विज्ञान के नवाचार और एजुकेशन सिटी में बड़े स्कूलों को देखकर बच्चे काफी रोमांचित हुए। इस दौरान बच्चों ने पहली बार बस की सवारी का आनंद लिया।

इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नम्रता चौबे, एडिशनल कलेक्टर  भूपेंद्र अग्रवाल, एडीएम  जागेश्वर कौशल, डिप्टी  कलेक्टर  नारायण प्रसाद गवेल, डीईओ  लखन लाल धनेलिया, सहायक आयुक्त  देवेंद्र सिंह, एपीसी जाकिर खान सहित विभागीय अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

 

 
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