
कोरबा – बालको नगर के शांति नगर के लोगो को अशांत करना बालको प्रबंधन को भारी पड़ रहा है। शांति नगर पुनर्वास समिति तितिक्षा ने जिला दंडाधिकारी को शिकायत कर बालको की पूरी पोल खोल दी। शिकायत गंभीर थी लिहाजा तब के तत्कालीन कलेक्टर व जिला दंडाधिकारी संजीव झा ने शिकायत की जांच के लिए तत्कालीन अपर कलेक्टर प्रदीप साहू की अध्यक्षकता में एसडीएम, तहसीलदार, क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी, सहायक श्रमायुक्त, उप संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा जांच कराई। जांच में साफ साफ मजदूरों के शोषण, पर्यावरण क्षति, अवैध कब्जे, सुरक्षा मानकों का पालन न करना, स्वस्थ्यगत परेशानियों की पुष्टि हुई है आप नीचे पूरी रिपोर्ट पढ़िए।
इस रिपोर्ट के आने के बाद भी बालको ने अपने ऊंची पहुंच का लाभ उठाते बीते 10 माह से कार्रवाई को रोक रखा है। ये कार्रवाई का रुकना न केवल बालको के हौसले को बढ़ा रहा है बल्कि शोषित हो रहे बालकोनगर के रहवासियों और श्रमिकों के उम्मीदों में पानी भी फेर रहा है।

मौजूदा कलेक्टर के समक्ष भी शांति नगर के लोगो ने अपनी समस्या को साझा करते शिकायत की जिस पर भी राजस्व अमले के जांच दल का गठन हुआ जांच में शिकायत की पुष्टि फिर से हुई लेकिन कार्रवाई का अभाव अब तक जारीहै। जाने बालको के पास वो कौन सी अदृश्य शक्ति है जो उसको न्यायलय की अवमानना करने से भी गुरेज नहीं करने देती। सिस्टम में बैठे कुछ अधिकारियों की लालसा का ही परिणाम है कि बालको हिटलरशाही रवैया अपनाया रहा है लेकिन शांति नगर के लोगो की जिजीविषा उनको हार मानने नहीं दे रही…

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