छत्तीसगढ़

मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा गुंडों के हवाले, घायल का पता लगाने आए युवक को बेहोश होने तक पीटा, रोकने की कोशिश में परिजन से बदसुलूकी कर छीन लिया मोबाइल फोन

https://www.facebook.com/share/Xojit7vcWzNoKuyP/?mibextid=oFDknk

कोरबा। ऐसा लगता है कि मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल की सुरक्षा का ठेका गुंडों के हवाले कर दिया गया है। जिस तरह से शिकायतें आ रही हैं, उससे तो यही जाहिर होता है कि अस्पताल और मरीजों की सुरक्षा के बहाने ठेका लेने वाली फर्म ने किसी बियर बार से निकाले गए बाउंसरों को ही तैनात कर दिया है। वे आए दिन मरीज और उनके परिजनों से हुज्जत करते हैं। बदतमीजी करते हैं और अब तो मारपीट भी करने लगे हैं। हालिया मामले में किसी दुर्घटना में घायल का पता लगाने अस्पताल पहुंचे एक व्यक्ति को सरेआम धुलाई की गई। मन नहीं भरा तो कैबिन में ले जाकर इतना पीटा कि वह बेहोश हो गया। इसके बाद उसे कचरे के ढेर में यूं फेंक दिया गया, जिस स्टाइल में गुंडागर्दी के सीन फिल्मों में देखने मिलते हैं। इतना ही नहीं, किसी अपने को इलाज कराने लेकर आए एक परिजन ने सिर्फ न पीटने कहा, तो बाउंसर उसी से भिड़ गए। दुर्व्यवहार किया और उसका मोबाइल छीन लिया।

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुरक्षा इंतजाम का ठेका एक करोड़ रुपए सालाना अनुबंध पर्व कामथेन सिक्योरिटी एजेंसी को दिया गया है। एजेंसी के महिला व पुरूष बाउंसर अस्पताल परिसर में तैनात कर रखे हैं। लोगों की सुरक्षा में तैनात यही बाउंसर अपनी हरकतों से उन मरीजों और परिजनों के भय का कारण बन रहे हैं। कुछ ऐसी ही घटना रविवार को सामने आई। किसी एक्सीडेंट में घायल व्यक्ति का पता लगाने आए युवक की आपातकालीन गेट पर इन बाइंसरों ने मोबाइल लूट लिया। वापस मांगने पर जमकर पीटाई करने लगे। एजेंसी ने वर्दीधारी सुरक्षाकर्मी के साथ ही यहां अलग से महिला व पुरूष बाउंसरों की तैनाती की है। पर ये बाउंसर अस्पताल जैसे शांत जगह पर बीयर बार की तर्ज पर लठैत की तरह ड्यूटी करते हुए वहां मरीजों से मिलने या देखरेख के लिए पहुंचे लोगों से बदसलूकी और बेदम पिटाई भी करने लगे हैं। बाउंसरों के इस तरह दबंगई से अस्पताल परिसर में पहुंचने वाले लोगों में भय का माहौल निर्मित हो गया है। रविवार की दोपहर एक्सीडेंट में घायल हुए एक व्यकित की जानकारी लेने पहुंचे युवक शिवप्रकाश पांडेय से महिला बाउंसर उलझ गए। उन्होंने उससे गाली गलौच की। युवक ने महिला बाउंसरों की करतूत मोबाइल पर रिकार्डिंग करने का प्रयास किया तो उसका मोबाइल लूट लिया गया। युवक के पास ही बैठे एक मरीज के परिजन अनिल कश्यप का मोबाइल भी लूटकर उससे बदसलूकी की गई। शिवप्रकाश ने शिकायत करने की बात कही तो महिला बाउंसर ने डंडे से उसकी पिटाई शुरू कर दी। यह नजारा देखकर अनिल कश्यप डर से वहां से भाग गया। इस बीच पुरूष बाउंसरों को बुला लिया गया। हट्‌टे कट्‌टे बाउंसर पहुंचे और शिवप्रकाश को पकड़कर केबिन के अंदर ले गए जहां उसके साथ जमकर मारपीट की गई। उसके बेहोश होने पर वे उसे फेंक पार्किंग एरिया में फेक गए। मीडिया कर्मियों के पहुंचने पर गार्ड व बाउंसर उल्टे युवक पर आरोप लगाने लगे। हंगामा मचने पर बाउंसर मौके से हट गए।

बॉक्स
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों समेत डॉक्टर व चिकित्सा स्टाफ की सुरक्षा के लिए सलाना 1 करोड़ के ठेके पर कामथेन सिक्योरिटी एजेंसी को नियोजित किया गया है। इनके बाउसरों की दबंगई से आहत होकर कई मरीज अस्पताल में भर्ती होकर चिकित्सा सेवा लेने से भी घबराने लगे हैं। इस घटना के बाद प्रत्यक्षदर्शी और भुक्तभोगी रहे बालकोनगर के लालघाट निवासी अनिल कश्यप अपनी पत्नी व अस्पताल में भर्ती साली को लेकर वहां से निजी अस्पताल जाने लगे थे। किसी तरह मीडिया कर्मियों व डॉक्टरों ने समझाइश देकर उन्हें रोका और फिर से मरीज को भर्ती कराया। अनिल कश्यप के मुताबिक बाउंसरों द्वारा बेवजह किसी से भी बदसलूकी करते हुए मोबाइल लूट व मारपीट की जाती है। दोपहर में उनका कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने बेवजह एक युवक से महिला बाउंसरों को गाली-गलौच करते हुए देखकर गलत बात करने से मना किया था। इतने में बाउंसरों ने उसके साथ बदसलूकी की। इस तरह मनमानी की छूट की वजह से उनके साथ ही दूसरे मरीजों के परिजन भी परेशान है। अनिल कश्यप के मोबाइल को लूटने की जानकारी होने पर अंदर वार्ड से उनकी पत्नी सन्नू देवी बाहर पहुंची जहां वह बाउसंरों पर बरस पड़ी। उन्होंने पति के अस्पताल परिसर से लापता होने व मोबाइल लूटने पर रिपोर्ट लिखाने की बात कही। हंगामा होने व दबाव बढ़ने पर बाउंसरों ने अनिल कश्यप का मोबाइल वापस कर दिया। वहीं बाद में शिवप्रकाश का मोबाइल भी वापस किया गया।

बॉक्स
ढेरों शिकायतें, कहीं निजी अस्पतालों को लाभ पहुंचाने का प्रोपोगंडा तो नहीं

अस्पताल परिसर में सुरक्षा के नाम पर तैनात किए गए बाउंसरों के खिलाफ लगातार मारपीट किए जाने की शिकायत हो रही है। कुछ दिन पहले एक मरीज के परिजन से मारपीट की गई थी तो शनिवार को भर्ती कराए गए मरीज का हालचाल जानने पहुंचे एक एनजीओ के सदस्यों से बाउंसरों ने बदसलूकी की थी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन ने माना कि अस्पताल परिसर की सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड व बाउंसरों को मारपीट करने और मरीज या उनके परिजन के मोबाइल लूटने का अधिकार नहीं दिया गया है। उनका काम सिर्फ और सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था संभालना है। किसी व्यक्ति के हंगामा करने पर उसके पकड़कर अस्पताल प्रबंधन या पुलिस को सूचना देना चाहिए। इस तरह बार बार आ रही शिकायतों को लेकर एक वर्ग का यह भी मानना है कि यह सब निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचाने की साजिश हो सकती है। वही जांच जो जिला अस्पताल में 150 से 300 रूपए में उपलब्ध है, निजी अस्पतालों के लैब में 500 से 1000 रूपए चार्ज किया जाता है। 10 रूपए की परची के बाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज भी मुफ्त है। इस तरह से मरीजों को परेशान कर निजी अस्पतालों में भेजने का प्रोपोगंडा से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

वर्जन

शिकायत मिली है, सही पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी : डॉ मिंज

मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सहायक अस्पताल अधीक्षक डॉ. अनमोल मिंज के मुताबिक अस्पताल में बाउंसरों द्वारा मारपीट किए जाने व मरीज के परिजन से बदसलूकी करने की शिकायत मिली है। प्रारंभिक जानकारी लेने पर शराब के नशे में एक युवक के अस्पताल में घुसकर हंगामा करने और महिला गार्डो से छेड़छाड़ किए जाने के बाद ऐसी स्थिति सामने आने का पता चला है। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में लगे गार्ड व बाउंसरों द्वारा मारपीट व बदसलूकी करना गलत है, ऐसा किया जाना पाया जाएगा तो मामले में कार्रवाई की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button