छत्तीसगढ़राजनीतीरोचक तथ्य

नगर सरकार ने मचा रखी है लूट, घर-घर झाड़ू-पोंछा करने वालों से भी उगाही, 540 रूपए के संपत्ति कर के नाम पर 3500 से 6000 वसूली

आप भी बन चुके हैं भ्रष्टाचारियों के शिकार, तो ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज नेटवर्क को बताएं अपनी व्यथा

https://www.facebook.com/share/Xojit7vcWzNoKuyP/?mibextid=oFDknk

कोरबा। कहते हैं कि लकड़बग्घे और गिद्ध ऐसे प्राणी हैं, जिनकी नाक पल-पल मर रहे जीवों में अपने भोजन की खुशबू महसूस होती है। संभवतः नगर निगम के कुछ अफसर-कर्मियों ने इन्हीं को अपना आदर्श बना रखा है। तभी तो, दिन-मजदूरी करने वाले, लोगों के घर झाड़ू-पोंछा करने वाले और एक एक पैसे के लिए रोज मर-मर बच्चों का पेट पालने वालों में उन्हें अपना शिकार नजर आता है। महज 540 रूपए संपत्ति कर की रसीद तो दे रहे, पर वसूली 3500 से 6000 रूपए तक की जा रही है। अब नगर निगम कोरबा के ऐसे कर्मियों को क्या कहेंगे, आदमी या गिद्ध आप ही फैसला कीजिए।

गर्दिश में जी रहे लोगों की विवशता में अपनी कमाई की तलाश करते फिर रहे निगम कर्मियों का यह कारनामा पंडित रविशंकर शुक्ल नगर जोन अंतर्गत सामने आया है। इन दिनों नगर पालिक निगम कोरबा की आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई (आईएएस) के निर्देश पर  निगम का राजस्व अमला वर्ष 2023-24 का लक्ष्य पूरा करने बकाया संपत्ति कर की वसूली में जुटा हुआ है। अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक के लिए कुल 540 रूपए के संपत्ति कर की वसूली की जा रही है। इसमें मिशन क्लीन सिटी के 240 रूपए और 340 रूपए समेकित कर शामिल है, जिसकी रसीद भी मकान मालिक को प्रदान की जा रही है। पर महज 540 रूपए की रसीद की आड़ में नगर निगम के राजस्व अधिकारी किसी से 3500 तो किसी से 6000 रूपए की वसूली कर रहे हैं। यह बात हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि किसी प्रकार की अज्ञात और संभावित कार्यवाही के डर से मजबूर होकर यह रकम देने वाले लोगों ने बताया है। कृष्णानगर में रहने वाली श्रीमती अर्चना पतरा और जंगल कॉलोनी में रहने वाली श्रीमती झूल बाई इस गड़बड़ी की शिकार हुई, जिन्होंने अपनी व्यथा खुद बयान की है।

 

पूर्व मेयर के वक्त शुरू हुई प्रथा राजकिशोर के राज में भी जारी

सत्ता में बैठे पूर्व वर्ती कांग्रेस की सरकार में ऐसे हर काम होते रहे हैं, जो लोगों का जीवन मुश्किल बनाते रहे। यह काम पूर्व महापौर श्रीमती रेणु अग्रवाल के कार्यकाल से शुरू हुआ था और यह प्रथा मौजूदा मेयर राजकिशोर प्रसाद के राज में भी जारी है। नगर निगम कोरबा के ऐसे भ्रष्टाचारी कर्मियों द्वारा गरीब जनता से लूट की जा रही और इसे देखने वाला कोई नहीं। राजस्व अधिकारी राठौर एवं सिदार द्वारा झोपड़ में रहने वाले लोगों से घर के टैक्स के नाम पर अवैध वसूली अभी भी बेधड़क जारी है।

पार्षद के विरोध पर वापस किए अर्चना पतरा के 5000

कृष्णानगर में रहने वाली अर्चना पतरा ने बताया कि  पंडित रविशंकर शुक्ल नगर जोन कार्यालय में कार्यरत महावीर प्रसाद राठौर और सिदार द्वारा झोपड़ी में रहने वालों से इस तरह अवैध वसूली की जा रही है। जब वार्ड के लोगों ने पार्षद अब्दुल रहमान से शिकायत की, तब उन्होंने जोन कार्यालय जाकर विरोध किया और तब जाकर अर्चना पतरा को उनके 5000 रूपए वापस कराए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button