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कानून के रखवाले से एसईसीएल कर्मी भयभीत, चौकी प्रभारी ने दी है धमकी झूठे केस में कर दूंगा अंदर… पुलिस ने कहा आरोप निराधार !

एसईसीएल कर्मी ने पुलिस से शिकायत की तो मदद करने की बजाय उल्टे चौकी प्रभारी ही उसे झूठे केस में फंसा देने की धमकी दे रहे हैं। ये हम नहीं कह रहे बल्कि मामले की शिकायत एसईसीएल कर्मी ने पुलिस अधीक्षक से करते पूरे वाक्ये का जिक्र किया है।

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कोरबा। कानून के रखवाले को देख जहां आम इंसान सुरक्षित महसूस करता है तो वहीं कोरबा के पुलिस सहायता केंद्र प्रभारी से एक एसईसीएल कर्मी भयभीत है। प्रभारी ने उसको साफ धमकी दी है कि उसको झूठे मामले में अंदर कर देगा। दरअसल एक एसईसीएल कर्मी प्रबंधन से आवंटित अपने ही क्वार्टर में बाजू पर काबिज कब्जाधारियों से परेशान है। एक रिटायर कर्मचारी ने मकान से लगी एसईसीएल की जमीन को कब्जा कर उसे खरीदने जा ऑफर दिया था। इंकार करने पर उसने अपने किसी रिश्तेदार को बेच दिया। कब्जा खरीदकर अवैध रूप जो लोग यहां रह रहे, अब वे कर्मी के साथ आए दिन गाली गलौज कर परेशान कर रहे हैं। जब एसईसीएल कर्मी ने पुलिस से शिकायत की तो मदद करने की बजाय उल्टे चौकी प्रभारी ही उसे झूठे केस में फंसा देने की धमकी दे रहे हैं। ये हम नहीं कह रहे बल्कि मामले की शिकायत एसईसीएल कर्मी ने पुलिस अधीक्षक से करते पूरे वाक्ये का जिक्र किया है।

मामला कोरबा के सीएसईबी पुलिस सहायता केंद्र का है यहां के 15 ब्लॉक कॉलोनी के मकान नंबर एफ 17 में एसईसीएल कर्मी कृष्णपाल विश्वकर्मा पिता स्व. सनत कुमार विश्वकर्मा निवास करते हैं। एसपी से की गई लिखित शिकायत में उन्होंने कहा कि क्वार्टर से लगी भूमि पर मनमोहन राठौर के रिश्तेदार मीना राठौर द्वारा गाली-गलौच, मारपीट की धमकी दी जाती है। वह एसईसीएल का कर्मचारी है, जिसे 15 ब्लाक कॉलोनी में यह आवास 20 जुलाई 2022 को कंपनी द्वारा आवंटित किया था। आवास के साथ लगी भूमि को एसईसीएल द्वारा रिक्त छोड़ा गया था। यह आवास मुझसे पूर्व मनमोहन राठौर जो कि एसईसीएल मानिकपुर का कर्मचारी था. उसे आबंटित था। मननोहन राठौर के सेवानिवृत्त होने के पश्चात यह आवास मुझे आबंटित किया गया। मनमोहन राठौर के द्वारा उक्त आवास से लगी भूमि पर एक गैरेज और मकान का निर्माण करा दिया गया था, जिसे रिटायर होने के बाद अपने रिश्तेदार अरूण राठौर को उपरोक्त आवास से लगी एसईसीएल की भूमि को मलबायुक्त भूमि बता कर 1 लाख 40 हजार में बेच दिया। मुझे जब उपरोक्त आवास आबंटित हुआ तब मनमोहन राठौर ने मुझसे संपर्क किया और मुझसे अपने द्वारा निर्मित गैरेज को राशि रूपये 50,000 में क्रय करने का दबाव बनाया गया पर उसने इंकार कर दिया। उन्होंने मनमोहन राठौर से कहा कि आपने मेरे आवास के बगल में रिक्त एसईसीएल की भूमि पर बेजा कब्जा करते हुए उस पर जो मकान और गैरेज का निर्माण किया है, उसे हटा दें। पर उसने मेरी बात मानने से इंकार कर दिया। मनमोहन राठौर द्वारा पूर्व में उपरोक्त भूमि को मलबा युक्त भूमि बताकर अपने रिश्तेदार अरूण राठौर को बेच दिया है। अब मीना राठौर और मनमोहन राठौर के साथ मिलकर सी.एस.ई.बी. चौकी प्रभारी नवीन पटेल क्वाटर के बगल सरकारी जमीन में अवैध रूप से बने गैरेज की चाबी मीना राठौर को सौपने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही साथ अगर मैं ऐसा नहीं करता हूँ तो मुझे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी सी.एस.ई.बी. चौकी प्रभारी नवीन पटेल के द्वारा दी जा रही है। शिकायतकर्ता ने लिखा है कि 31 दिसंबर को भी मेरे आवास पर सुबह 11 बजे श्रीमती मीना राठौर और उनके पति आकर मुझसे गाली-गलौच करते हुए मेरे साथ मारपीट करने लगे। उन्होंने कहा कि मनमोहन राठौर से गैरेज को 20,000 रूपए में खरीद लिया है। तुम ज्यादा नेता मत बनो। शिकायतकर्ता श्री विश्वकर्मा ने एसपी से अनुरोध किया है कि उसकी परेशानियों पर गौर करते हुए मामले की उचित जांच कर कार्यवाही करें और मनमोहन राठौर, मीना राठौर एवं मीना राठौर से संरक्षण प्रदान करने की कृपा करें।

आरोप निराधार, पुलिस हस्तक्षेप योग्य नहीं था मामला

इस संबंध में पुलिस सहायता केंद्र सीएसईबी के प्रभारी ने अपना पक्ष रखते बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप निराधार है। पुलिस हस्तक्षेप मामला नहीं होने की वजह से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 155 के तहत नोटिस दी गई है। संबंधित व्यक्ति को भू स्वामी के कार्यालय में शिकायत करने समझाइश दी गई है।

 

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