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जयसिंह अग्रवाल पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई!

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रायपुर – जयसिंह अग्रवाल पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई कभी भी हो सकती है। सूत्र बताते है कि संगठन ने मंत्री के बयान को काफी गंभीरता से लिया है। दरअसल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हारने के बाद पूर्व राजस्व मंत्री और कोरबा के विधायक जयसिंह अग्रवाल ने हार के लिए खुद की करस्तानियों को जिम्मेदार न ठहराते हुए पूरा का पूरा जिम्मा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ठहरा दिया है। जयसिंह अग्रवाल ने भरी सभा में मुख्यमंत्री के अलावा आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के लिए भी गलत बयानी कर दी। नाम ले-ले कर अधिकारियों को हार का जिम्मेदार ठहराने और प्रदेश के मुखिया रहे भूपेश बघेल के कारण हार होने की बयानबाजी करने वाले जयसिंह अग्रवाल पर संगठन का डंडा जल्द चलने के आसार बताए जा रहे है। हालाकि ये सच है कि सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री के लिए गलत बयानी करने वाले जयसिंह अग्रवाल पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है जबकि वृहस्पति सिंह को नोटिस जारी कर दिया गया है। ऐसे में सवाल उठने शुरू हो गए है कि क्या जयसिंह अग्रवाल संगठन से बड़े हो गए हैं?

कोरबा जिला ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में अपने अनुसार काम नहीं करने वाले अधिकारियों को टारगेट में लेकर उनके खिलाफ शिकायत करते रहने वाले जयसिंह अग्रवाल ने सरेआम अधिकारियों से बदजुबानी करते रहते है। जब सत्ता हाथ से निकल गई और खुद भी प्रचंड मतों से चुनाव हार गए तो इसके लिए अपने गिरेबान में झांकने की बजाय किसी को भी जिम्मेदार ठहराने पर तुले हैं।

इधर कोरबा की जनता यह जानना चाहती है की क्या जयसिंह अग्रवाल को भी नोटिस जारी होगा जो सीधा आरोप अपने ही सरकार के मुख्यमंत्री पर सार्वजनिक रूप से मिडिया में बयान देकर प्रेस नोट जारी किया था या यहां भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस में अभी भी गुटबाजी दिखाई देगी। अभी तक कोई भी नोटिस और कार्यवाही नहीं होने से तो लगता है कि क्या सच में कांग्रेस पार्टी के हाई कमान सिर्फ पूंजीपति के इशारों पर ही चलती हंै।

देखा जाए तो जयसिंह अग्रवाल सरकार में रहते हुए समय-समय पर अपने ही सरकार के कामकाज पर बयान देते नजर आते रहे। छत्तीसगढ़ के अधिकारियों से लेकर कोरबा के कलेक्टर व एसपी को भ्रष्ट बताते रहे, जिससे पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस सरकार की छवि धूमिल होती रही है। इन्होंने तो पूर्व प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को भी कटघरे में खड़ा किया था जिसका विडियो सोसल मीडिया पर खुब चला था। और अब चुनाव की हार का ठीकरा सीधे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर लगाकर अपने आपको सरकार और पार्टी से ऊपर बताने की कोशिश किया है। क्या इनके नजरों में छत्तीसगढ़ के सभी आईएएस और आईपीएस भ्रष्ट हैं तभी तो ये हर प्रशासनिक अधिकारियों को खुलेआम भ्रष्टाचारी बोलते नहीं थकते। पर मामला बिल्कुल अलग है,जो अधिकारी इनके  अवैध कार्यों में रोड़ा बनता है इनके भ्रष्टाचार में सहयोग नहीं करता है उन अधिकारियों पर अपने पैसे और पावर का उपयोग कर उन्हें ही भ्रष्ट साबित करने में लग जाते हैं और ऊपर से नीचे तक शिकवा शिकायत करते हैं। पांच साल तक जयसिंह अग्रवाल ने यही काम किया, जिससे जनता ने चुनाव में उन्हें निपटा दिया। अपने अवैधानिक तौर तरीके भूलकर भूपेश बघेल और अधिकारियों को हार के बाद भी कोस रहे हैं जबकि इन्हें तो अपने आदत में सुधार लाने की जरूरत है।

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