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जनता को कितना गुमराह करेंगे राजस्व मंत्री जी… 10 साल से 3 लाख का कर्ज तो अदा कर नहीं रहे और करोड़पति बेटे को 25 लाख रुपए का दे रखा है कर्ज ! 3 विधानसभा चुनावों से आयोग की आंख में धूल झोकने का हो रहा काम, काफिले में घूमने वाले मंत्री के पास नहीं है एक मोटर साइकिल भी… राजस्व मंत्री रहते भी अपने ही मकान का राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं करा पाए मंत्री…मंत्री के मनमानी की पूरी दास्तान पढ़िए इस रिपोर्ट में?

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कोरबा – छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री अपने क्षेत्र की जनता को निर्वाचन आयोग को गुमराह करने आंख में धूल झोंकने से 15 साल से बाज नही आ रहे. फिर से भोली भाली जनता को सब्जबाग दिखाकर विधायक बनने का ख्वाब देख रहे जयसिंह अग्रवाल घोषित और अघोषित करोड़ों की धन संपदा के आसामी तो हैं परन्तु एक शख्स मनोज अग्रवाल का तीन चुनाव से 15 वर्ष से मात्र 3 लाख रुपए का कर्जा छूटना मुमकिन नही कर पा रहे, आखिर ऐसा क्यों? ये हम नहीं कह रहे खुद विधायक रहते जयसिंह अग्रवाल ने अपने नामांकन दाखिले में साल 2013 से कर्ज लेना बता रहे है।

यूं तो विधायक और उनकी धर्मपत्नी ने अपने व्यवसायी पुत्र को 24 लाख 94 हजार रुपए से अधिक का कर्ज दे रखा है परंतु व्यवसायी पुत्रों की संपत्ति का कोई भी ब्यौरा अपने चुनाव नामांकन के शपथ पत्र में कहीं पर भी नहीं जिक्र किया है आखिर क्यों??

25 लाख रुपए का कर्ज देने वाले करोड़पति राजस्व मंत्री की धर्मपत्नी महज 300000 रुपये का कर्ज 15 साल से भी नहीं छूट पा रही है.यह बड़ा ही हास्यासपद है जो जनता की आंख में राजस्व मंत्री धूल झोंकने का काम कर रहे हैं.
एक और बड़ा झूठ उन्हीं के शपथ पत्र में पकड़ा गया है जब वह बताते हैं रायपुर शंकर नगर एग्जॉटिका अपार्टमेंट प्रथम तल 101 नंबर का आवासीय भवन मेसर्स बीबी वर्मा के फर्म के नाम खरीदा गया जब विधायक जी उस फर्म में पार्टनर थे ,, पर जयसिंह अग्रवाल 3 जनवरी 2008 से पार्टनरशिप से अलग हो चुके हैं

परंतु उक्त संपत्ति से उनका नाम विलोपित नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ की जमीनों को चलवाने वाले राजस्व मंत्री के लिए भला यह कौन सी बड़ी बात है जो 5 साल से मंत्री होने के बाद भी अपने विभाग से ही अपना नाम विलोपित नहीं करवा पाए हैं. आम जनता तो सरकारी आफिसों के चक्कर काट काट कर भी ऐसे महत्वपूर्ण काम को कराने में देरी नहीं करती फिर ऐसे महत्वपूर्ण विभाग व छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री रहते इन्होंने अब तक क्यों नहीं कराया ,, क्या जनता को मुर्ख समझ बैठे मंत्री जी,,

यह तो सीधा-सीधा 15 साल से 3-3 चुनाव लड़ने वाले विधायक के द्वारा जनता को व निर्वाचन आयोग को गुमराह करने का ही काम है!

मोटर साइकिल भी नहीं है मंत्री के पास
काफिले में घूमने वाले राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के पास उनके नामांकन के मुताबिक एक मोटर साइकिल भी नहीं है। जबकि साल 2018 में उनके पास एक कर्ज में इनोवा थी शायद मंत्री जी ने बेच दी होगी।

चालाकी दिखाते मंत्री ने हर साल अपनी आमदनी कम दिखाई सरकार का टैक्स को दबाने का कोई बेहतरीन तरीका निकाला वरना आप ही बताइए कोई मंत्री का सालाना कमाई 4 लाख 58 हजार होगा। एक 30 हजार की तनख्वाह पाने वाले का भी इनकम 5 लाख के आसपास होता है। वहीं विधायक के महीने की सरकारी तनख्वाह ही लाखो में होती है।

मंत्री की मनमानी कब तक चलेगी जनता के साथ चालबाजी तो अब पुरानी हुई ये पब्लिक है सब जानती है

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