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पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने श्रमिक दिवस को लेकर कह दी ऐसी बात की बन रहे हंसी के पात्र, क्या कहा जयसिंह ने और क्यों हो रही जग हसाई पढिये इस ख़बर में…

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कोरबा। खुद की थाली में रस-मलाई, जनता को 5 साल बोरे बासी खिलाई, कुदरत का खेला ऐसा, कि खुद नगरसेठ की पार्टी से मिल रही रुसवाई, एक्स मिनिस्टर का अब क्या होगा भाई ! 

आपने सही पढा है क्योंकि कि साल 2023 में हिंदू नव वर्ष से लेकर रामनवमी, चैट्रीचंड्र महोत्सव और हनुमान जयंती तक शहरभर की होर्डिंग्स और बैनर पोस्टर में छाए रहे पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल चुनाव क्या हार गए, लोक और समाज से ही बाहर हो गए। हाल ए नगरसेठ यह हो गया है कि उनकी अपनी पार्टी भी उन्हें मंच तो क्या, एक कुर्सी तक देने से कतराते लगी है। इसका नजारा बीते दिनों सभी ने पायलेट की कोरबा में हुई हवाई यात्रा में देख लिया। अब हमारे नगरसेठ ने मई दिवस मनाने एक चुटका जारी किया है। मंत्री रहते दिखावे के लिए जमीन पर न सही लेकिन टेबल पर ही नई कांस के बड़े कटोरे में खाना खाया पर जनता सवाल पूछ रही है कि सेठ जी, आप खुद तो पांच साल अपनी थाली में रस मलाई और चमचम बटोरते रहे, इधर जनता के नसीब की बोरे बासी भी आधे पेट परोसते रहे और आधी अपनी कांग्रेस की सरकार समेत खुद ही हजम कर गए। अब बिन पानी सब सून की बेला में सारे व्रत त्योहारों के गुजर जाने के बाद ठन ठन गोपाल की तरह अब इन मजदूरों को बोरे बासी की पार्टी का इन्विटेशन देते लाज भी नहीं आ रही है।

उल्लेखनीय होगा कि विधानसभा चुनाव 2023 से पूर्व हर अवसर पर एक्स मिनिस्टर जयसिंह अग्रवाल हो हल्ला के साथ भोग भंडारे का आयोजन करते रहे। हजारों की संख्या में लोगों का जमावड़ा लगता और लाखों रुपए खर्च किए जाते। पर शायद तब वे कोरबा विधायक और कांग्रेस सरकार के मंत्री होने का अलग ही रुआब और बेशुमार धन लुटाने की ताकत हुआ करती थी। अब, जबकि न तो विधायकी का पैसा है और न ही जनता के हक वाला सरकारी धन, अपनी जेब से बोरे बासी तक की पार्टी देने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। यही वजह है जो पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने सारे पर्व सूखा सूखा निकालने के बाद इस बार मुफ्त में अपने अपने घरों में ही रहकर बोरे बासी खाकर मजदूर दिवस मनाने का निमंत्रण बांट दिया है। ना इस बार वे श्री राम नवमी में कहीं दिखाई दिए ना उनका बधाई संदेशों के फ्लेक्स से कोरबा शहर पटा और न ही हनुमान जयंती पर कहीं कोई भोग भंडार की खबर कोरबा टाउन के पटरी के पास वाले बंगले से आई। कोई धार्मिक आयोजन का घंटा बजता सुनाई नही दिया। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि मंत्री जी नाराज हैं? सवाल यह है कि आखिर उनकी यह नाराजकी किस पर है। अब उनका बोरे बासी के लिए सोशल मीडिया में संदेश प्राप्त हुआ है।

अब धार्मिक नेता से अलग अवतार में पूर्व विधायक मजदूर हितेषी रोल में दिखाई देने लगे हैं जो खुद श्रमिक भाईयों के भी गले उतरता नहीं दिख रहा है।

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