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राम मंदिर खुलने की तारीख का हुआ ऐलान, इस दिन से भक्त कर पाएंगे रामलला के दर्शन, PM खाएंगे अनुष्ठान

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का पुनर्निर्माण जारी है। देश-दुनिया भर में फैले राम भक्तों को मंदिर निर्माण पूरा होने और श्री राम के दर्शन का बेसब्री से इंतज़ार है। वही अब भक्तों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल नए राम मंदिर के अनुष्ठान की तारीखों का एलान कर दिया गया है। यह जानकारी खुद श्रीराम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की तरफ से मिली है।

बतया गया है कि अगले साल 15 से 24 जनवरी के बीच राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। बताया गया कि प्राण प्रतिष्ठा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या आमंत्रित किया जाएगा। वही प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्तों के लिए राम मंदिर के दरवाजे खुल जायेंगे। इस तरह अगले साल के 24-25 जनवरी से रामभक्त रामलाल के दर्शन कर पाएंगे। बताया गया कि विदेशो में भी दूतावासों में इस प्राण प्रतिष्ठा का लाइव कवरेज किया जाएगा। इस तरह विदेश में मौजूद राम भक्त भी इस पूरे आयोजन को लाइव देख पाएंगे।

जाने कैसा होगा श्री राम लला का दिव्य मंदिर

अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य बड़ी तेजी के साथ जारी है। 2021 अगस्त में पीएम मोदी के हाथों राम मंदिर की नींव की स्थापना की गई थी। जिसके बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया था। राम मंदिर के साथ-साथ राम नगरी अयोध्या का भी पुनर्निर्माण किया जा रहा है। राम नगरी की इसकी रूपरेखा ऐसी तैयार की गई है कि यहां पर आने वाले लोग मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। अयोध्या को भव्य धार्मिक रूप देने के लिए इसके सभी प्रवेश बिंदुओं पर बागों से घिरे ‘राम द्वार’ कहे जाने वाले भव्य प्रवेश द्वार भी बनाए जाएंगे।

सभी 6 ‘द्वारों’ के किनारे एक वाटिका तैयार की जाएगी। इन बागों को ‘रामायण वाटिका’ कहा जाएगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि अयोध्या में छह प्रवेश द्वार हैं। अयोध्या शहर को भव्य धार्मिक रूप देने के लिए सभी प्रवेश बिंदुओं पर भव्य द्वार या राम द्वार बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह पहल पवित्र शहर को एक छोटे से शहर से एक नए शहर में बदलने की योजना का एक हिस्सा है, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस और संस्कृति के अनुकूल हैं।

ऐसी होगी राम नगरी

अथर्व वेद में वर्णित 9 द्वार वाली अयोध्या के स्वरूप को रामनगरी के पुनर्निमाण में भी प्रमुखता से स्थान देने की कोशिश चल रही है। अभी 9 द्वारों में 6 द्वारों के निर्माण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। रामनगरी के पुनर्निमाण को लेकर संतों की राय पर इसे साकार करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। विजन डॉक्यूमेंट में इस परिकल्पना को स्थान मिला है। इन प्रवेश द्वार की डिजाइन सिक्स लेन, फोर लेन तथा टू लेन सड़कों को ध्यान में रखकर की जा रही है। एक प्रवेश द्वार की अनुमानित लागत 10 से 15 करोड़ रुपये आने की संभावना है।

इन स्थानों पर बनेंगी धर्मशाला

लखनऊ मार्ग पर मुमताजनगर और घाटमपुर के बीच 600 कमरों की धर्मशाला बनाई जाएगी।
रायबरेली मार्ग पर मऊ यदुवंशपुर में 200 कमरों की धर्मशाला का निर्माण किया जाएगा।
प्रयागराज मार्ग पर मैनुद्दीनपुर में 200 कमरों की धर्मशाला का निर्माण होगा।
आजमगढ़ मार्ग पर दशरथ समाधि स्थल के पास श्रद्धालुओं के रुकने के लिए 250 कमरे बनाए जाएंगे।
गोंडा मार्ग पर कटरा के पास 370 कमरों की धर्मशाला बनाई जाएगी।
गोरखपुर मार्ग पर धर्मशाला के लिए अभी स्थल चयन की प्रक्रिया जारी है।
राम नगरी में प्रवेश द्वारों के नाम

श्रीराम द्वार – लखनऊ मार्ग पर
लक्ष्मण द्वार – गोंडा द्वार पर
भरत द्वार – प्रयागराज मार्ग पर
जटायु द्वार – वाराणसी मार्ग पर
गरुड़ द्वार – रायबरेली मार्ग पर
हनुमान द्वार – गोरखपुर मार्ग पर

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