छत्तीसगढ़

राजस्व विभाग के कर्मचारियों के लिए दो दिवसीय कार्यशाला हुई आयोजित

राजस्व के महत्वपूर्ण विषयों पर दी गई जानकारी

कोरबा। राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के लिए कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन कलेक्टर अजीत वसंत की उपस्थिति में किया गया। कार्यशाला सह प्रशिक्षण में कलेक्टर अजीत वसंत ने अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देश दिए कि कार्यशाला में विशेष ध्यान देवें एवं प्रशिक्षण का लाभ लेकर राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाएं जिससे आमजन को लाभ मिल सके।  कार्यशाला सह प्रशिक्षण में सेवानिवृत्त अपर कलेक्टर अशोक तिवारी, तहसीलदार  शशिभूषण सोनी ने राजस्व के कई महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। कार्यशाला में तिवारी ने कार्यालयों में गार्डनस्ती के संधारण की उपादेयता एवं महत्व को बताया। साथ ही उन्होने विभागीय जांच प्रक्रिया, लघु एवं दीर्घ शास्ति की जानकारी दी। उन्होंने राजस्व विभाग में वासिल बाकी नवीस पद की कार्य दायित्व तथा तहसील में इस पद की महत्ता के विषय में बताया। उन्होंने बताया कि हितग्राहियों द्वारा लिए गए ऋण के एवज में राशि जमा करने का मुख्य कार्य वासिल बाकी नवीस का होता था। श्री तिवारी ने आय का अनुमान, मांग वसूली, भू-राजस्व व विविध राजस्व दर्शाने वाली वर्गीकरण पंजी अन्य आय की वसूली दर्शाने वाली पंजी पाक्षिक विवरण-भू राजस्व वसूली संबंधी प्रगति माह की भू राजस्व और उपकरों की वसूली के विशय में बताया। उन्होंने नजूल जमीन व नजूल जमीन के प्रकार, नजूल संधारण, मूल्य निर्धारण, नजूल शाखा के कार्य, नजूल भूमि के आबंटन, भू अर्जन प्रक्रिया और मुआवजा निर्धारण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कार्यालयों में सतत उपयोग में आने वाली नोटशीट को संक्षिप्त व प्रभावी तरीके से लिखना सिखाया।

कार्यशाला में तहसीलदार शशिभूषण सोनी ने कर्मचारियों को बताया कि राजस्व संबंधी प्रकरणों के निराकरण के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया का पालन अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लिपिक, रीडर ऑनलाइन प्रकरणों का पंजीयन जरूर करें तथा नियमानुसार समय सीमा में मामलों को निराकृत करें। श्री सोनी ने कहा कि ई-कोर्ट व भुईयां एक दूसरे के पूरक हैं। राजस्व प्रकरणों की पावती लेने की जिम्मेदारी पीठासीन अधिकारी की होती है। उन्होंने बताया कि नामांतरण और नोटिस के लिए नियमानुसार इश्तहार जारी किये जायें। ओम प्रकाश चंद्रवंशी नायब तहसीलदार ने बताया कि राजस्व संबंधी प्रकरणों के निराकरण के लिये तथा आमजन की सुविधाओं के लिये ई-कोर्ट एवं भुईयां एप लागू किया गया है। जिसका लाभ आम जनता को जरूर मिले। उन्होंने कहा कि यदि हम नोटिस की पावती का उपयोग करते हैं तो नियम से प्रक्रिया संचालन में आसानी होती है। उन्होंने नामांतरण प्रक्रिया के विशय में जानकारी दी।

इस अवसर पर अपर कलेक्टर दिनेश नाग ने वक्ता अशोक तिवारी, शशि भूषण सोनी बिलासपुर, ओमप्रकाश चंद्रवंशी एवं विनोद चंद्रवंशी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यशाला में डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पीठासीन अधिकारी, रीडर, सहायक ग्रेड-2 एवं तीन आदि राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

 

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