कृषि विकास-किसान कल्याण के लिए कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पर सदन में की चर्चा
कवर्धा। विधानसभा में गुरुवार को पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने कृषि विभाग से सम्बंधित विभिन्न प्रश्न सदन के समक्ष रखे। इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार द्वारा कृषि विकास एवं किसान कल्याण के लिए कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए सदन में उसकी जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने किसानों को आवंटित होने वाले ट्रैक्टर के वितरण में असामनता का मुद्दा प्रमुखता से रखा साथ ही किसानों के हित व योजनाओं का लाभ उन्हें नियमित रूप से मिल सके इस विषय में भी सदन का ध्यान आकर्षण कर अपने विचार रखे। उन्होंने किसानों को वितरित खाद, कृषि विभाग द्वारा क्रय उपकरण व सामग्री एवं प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक एवं बालिका छात्रावास के संबंध में भी प्रश्न किया।
भावना बोहरा ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ धान का कटोरा कहा जाता है हमारे छत्तीसगढ़ का एक बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र भी है जहां वन उपज संग्रहण से अधिकांशत आदिवासी समाज के लोग जीवन यापन करते हैं ऐसे में आज जब छत्तीसगढ़ राज्य उपज मंडी अधिनियम 1972 क्रमांक 24 की धारा 2 की उप धारा 1 में महत्वपूर्ण संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखा गया है तब मैं संशोधन का स्वागत करती हूं। है। इस संशोधन के उपरांत राज्य सरकार को मंडी शुल्क की बात ही कृषक कल्याण शुल्क से भी छूट दिए जाने की शक्तियां होगी इस दृष्टि से यह संशोधन किसानों के कल्याण में अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही इस संशोधन के उपरांत मंडियों द्वारा संग्रहित कृषक कल्याण शुल्क का राज्य शासन द्वारा निर्धारित परिषद बोर्ड को छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में भुगतान करने और छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि को सहकारी बैंक या डाकघर या राज्य शासन द्वारा निर्देशित पत्र बैंकों में जमा किया जा सकेगा। जिससे न केवल यह राशि सुरक्षित रहेगी बल्कि इस राशि पर ब्याज का लाभ भी प्राप्त होगा। हमारे छोटे किसानों की जितनी लागत फसल को उपजाने में लगती है, उतना ही संघर्ष उन्हें अपने उपज को मंडी तक ले जाने के परिवहन में भी करना पड़ता है। इस संशोधन के उपरांत प्रदेश के किसान निकटतम मंडी एवं जहां उन्हें ज्यादा मूल्य प्राप्त हो ऐसी मंडी में अपनी उपज विक्रय कर सकेंगे जो कि स्वागत योग्य है। छत्तीसगढ़ राज्य उपज मंडी अधिनियम 1972 क्रमांक 24 की धारा 2 की उप धारा 1 में यह संशोधन अन्नदाताओं के हित और उनका आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भावना बोहरा ने कहा कि किसानों को शासन द्वारा जो ट्रैक्टर आवंटन किया जाता है उसमें असमानता है, जिसे गंभीरता से लिया जाए। जानकारी के अनुसार की हर ब्लॉक एवं विकासखंड में अलग-अलग ट्रैक्टर आवंटन किया जा रहा है। किसी ब्लॉक में पहले आवेदन करने वाले किसानों को अभी तक ट्रैक्टर आवंटित नहीं हुआ है और बाद में आवेदन करने वालों को ट्रैक्टर आवंटित करने की भी सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने पूछा कि पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वित्तीय वर्षों एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में दिनांक 30 जून, 2024 तक किस योजना के तहत, कितने हितग्राही कृषकों को अनुदान पर ट्रैक्टर स्वीकृत किये गये? कितने किसानों को कितनी अनुदान राशि स्वीकृत की गई है एवं कितने आवेदन प्राप्त एवं निरस्त हुए हैं? विभागीय मंत्री रामविचार नेता ने बताया कि पंडरिया विधानसभा के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 167, 2022-23 में 403, 2023-24 में 54 और 2024-25 में एक भी ट्रैक्टर आवंटित नहीं किया गया इस प्रकार अबतक कुल ६२४ किसानों को ट्रैक्टर आवंटित किया गया है। ट्रैक्टर के आवंटन हेतु अनुसूचित जाती,अनुसूचित जनजाति, लघु एवं सीमांत किसानों तथा महिलाओं को ट्रैक्टर के मॉडल आधार पर अधिकतम 2 लाख से 5 लाख तक एवं अन्य वर्ग के लिए अधिकतम 1 लाख 60 हजार से 4 लाख तक अनुदान राशि प्रदान की जाती है।
भावना बोहरा ने पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 से 30 जून 2024 तक कृषि विभाग द्वारा किन-किन योजनाओं के तहत कितनी लागत के कितने कार्य कराये गये एवं कौन-कौन से कृषि उपकरण एवं अन्य सामग्री की खरीदी की गई, लाभान्वित कृषकों की संख्या की जानकारी के संबंध में प्रश्न किया वहीं खरीदी गयी सामग्री/उपकरण, हितग्राहियों के चयन और वितरण में अनियमितता की शिकायत मिलने के विषय में भी जानकारी मांगी और यदि अनियमितता हुई है तो उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है इस विषय में भी जानकारी मांगी। प्रदेश में किसानों को हो रही खाद वितरण के संबंध में प्रश्न किया कि सरकार द्वारा प्रदेश में किसानों को वितरित किए जाने वाले खाद की कुल आवश्यकता प्रतिवर्ष कितनी होती है? आवश्यकता के अनुरूप खाद की उपलब्धता की मात्रा क्या है? एवं पंडरिया विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान समय कितने किसानों को वितरित किये गए हैं और जिन किसानों को खाद नहीं मिला है उन्हें कबतक उपलब्ध कराया जाएगा। जिसके सन्दर्भ में विभागीय मंत्री ने कहा कि अभी इस विषय में जानकारी संकलित की जा रही है जानकारी मिलते ही उपलब्ध कराई जाएगी।
पंडरिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक एवं बालिका छात्रावास/आश्रम के संबंध में भावना बोहरा ने प्रश्न किया कि कितने आश्रम किन स्थानों पर संचालित हैं? 2021 से जून 2024 तक छात्रावास को कितनी राशि उपलब्ध कराई गई और उन राशि का किन कार्यों में व्यय हुआ इसके साथ ही प्रतिमाह प्रति छात्र कितनी राशि खर्च होती के संबंध में प्रश्न उठाया। विभागीय अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पंडरिया विधानसभा अंतर्गत बालकों हेतु कुल 8 प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति छात्रावास एवं 6 अनुसूचित जनजातीय बालक आश्रम संचालित हैं वहीं बालिकाओं हेतु 5 प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति छात्रावास एवं 4 अनुसूचित जनजातीय कन्या आश्रम संचालित है। वर्ष 2021 से जून 2024 तक छत नवीनीकरण, प्लास्टर, विद्युतीकर मरम्मत, स्टोन फ्लोरिंग, पोताई पेंटिंग, एवं अन्य कार्यों हेतु 29 लाख 82 हजार रुपए व्यय किये गए हैं। प्री-मैट्रिक अनुसूचित जनजाति बालक एवं बालिका छात्रावास में 390 बालक एवं 295 बालिकाएं तथा अनुसूचित जनजातीय बालक एवं कन्या आश्रम में 325 बालक एवं 705 बालिकाएं हैं और प्रति छात्र एवं छात्र में प्रतिमाह 1500 रुपए खर्च आता है।
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