छत्तीसगढ़

मौसमी बीमारियों बुखार एवं उल्टी-दस्त होने पर स्वास्थ्य विभाग को तत्काल करें सूचित


सभी स्वास्थ्य केंद्रों में जीवनरक्षक दवाईयों की है पर्याप्त उपलब्धता

कोरबा। बरसात के दिनों में उल्टी-दस्त एव मलेरिया महामारी के रूप में फैलने की संभावना बनी रहती है। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौसमी बीमारी के रोकथाम हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केशरी के नेतृत्व में जिले के प्रत्येक क्षेत्र में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए युद्धस्तर पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही पूर्ण करने हेतु सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जिले के प्रत्येक स्तर के स्वास्थ्य केन्द्रों तथा मैदानी क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन व डिपोहोल्डर्स के पास जीवनरक्षक दवाईयों की उपलब्धता तथा सतत औषधियों की प्रतिपूर्ति व्यवस्था की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य अमलों द्वारा शिविर लगाकर उपचार किया जा रहा है। मौसमी बीमारियों/महामारी के नियंत्रण हेतु जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर काम्बेट टीम का गठन किया गया है तथा उन्हें क्षेत्रों में सतत् भ्रमण कर निगरानी बनाए रखने के स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं। टीम द्वारा सूचना प्राप्त होते ही प्रभावित क्षेत्र में तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजनों से जिले के किसी भी क्षेत्र में बुखार, मलेरिया या उल्टीदस्त के संक्रमण की शिकायत होने पर तत्काल मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी को सूचना प्रदान करने का आग्रह किया गया है।

डायरिया एवं मलेरिया से बचाव हेतु रखें इन बातों का ध्यान –

सीएमएचओ ने जनसामान्य को मौसमी बीमारियों से बचाव की जानकारी देते हुए सदैव भोजन करने से पूर्व एवं शौच के पश्चात् हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने, घरों के आस-पास स्वच्छता रखने और व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही। साथ ही खाने-पीने की वस्तुओं और पानी को हमेशा ढककर रखने, बासी भोजन, सड़े गले फलों का सेवन न करने, हमेशा ताजे फलों और भोजन का सेवन करने, फल और सब्जियों को खाने और पकाने से पहले अच्छी तरह से धोने के लिए कहा। उन्होंने पीने के लिए हैण्डपंप का पानी का उपयोग करने तथा पानी को उबालकर व छानकर पीने की बात कही। पानी की शुद्धता के लिए क्लोरिन की गोली डालकर ही पीने के लिए उपयोग में लाने, साथ ही कुओं में ब्लीचिंग पाउडर डलवानें तथा जल स्त्रोत के पास कुड़ा-करकट गंदे पानी एकत्र न होने देने, मल विसर्जन घर से दूर तथा पीने के पानी के स्रोत से 25 अधिक दूरी पर होना सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने दस्त या बुखार होने पर स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, डिपोहोल्डर अथवा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से तत्काल प्राथमिक उपचार लेने, दस्त होने की स्थिति में शरीर में पानी की कमी को दूर करने ओ.आर.एस. का घोल सेवन करने, नीबू की सिकंजी, चावल का मांड हल्की चाय दाल का पानी का सेवन लगातार करने, मच्छरों में बचाव हेतु मच्छरदानी का उपयोग करने, सोने के पूर्व संभव हो तो शरीर में मच्छरनाशक क्रीम अथवा नीम तेल लगाने, घर अथवा घर के आस-पास कूलर, टायर, टूटे बर्तन अथवा अन्य कोई भी वस्तुओं में पानी जमने न देने, उल्टी दस्त से किसी भी मृत्यु होने पर उन घरो में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सहयोग से ब्लीचिंग पाउडर से शुद्धिकरण कराने तथा घर के अन्य सदस्यों को भी उल्टी-दस्त की दवाईयों खिलाने, ग्राम में होने वाले सभी सार्वजनिक आयोजनों में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखने, कार्यक्रम के दौरान ताजा भोजन का उपयोग करने आदि सुझाव जिलेवासियों को दिए।

कलेक्टर श्री वसंत ने जिले की जनता से अपील की है कि उल्टी-दस्त मलेरिया से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें, जिससे महामारी जैसी बीमारियों पर नियंत्रण की कार्यवाही की जा सके एवं जिले में असामयिक मृत्यु को रोका जा सके। साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि मौसमी बीमारियों के नियंत्रण में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कर जिले को मौसमी बीमारी से विमुक्त करने की दिशा में अमूल्य योगदान दें। जागरूकता सतर्कता से आप न केवल अपने प्रियजनों अपितु अन्य व्यक्तियों की स्वास्थ्य रक्षा का पुण्य अर्जित कर सकते हैं एवं अच्छे स्वास्थ्य तथा खुशहाली का वातावरण बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं। वे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी अमली को सजगतापूर्वक दायित्वों का निर्वहन करने व मौसमी बिमारियों की सतत् जानकारी लेते हुए समुचित प्रतिबंधात्मक कार्यवाही तथा उल्टी दस्त मलेरिया से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरतने के कड़े निर्देश दिए हैं।

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