छत्तीसगढ़

राज्य शासन ने राजस्व अभिलेखों के लिपिकीय त्रुटियों के सुधार हेतु तहसीलदारों को किया अधिकृत


– राजस्व प्रकरणों के निराकरण कार्य में आएगी तेजी

दुर्ग । राज्य शासन राजपत्र (असाधारण) 4 मई 2022 के द्वारा छ.ग.भू.रा.सं. की धारा 115 में संशोधन करते हुए भू-अभिलेख में गलत या अशुद्ध प्रविष्टि का शुद्धिकरण किए जाने हेतु उपखंड अधिकारी (अनुविभागीय अधिकारी) को अधिकृत करने हेतु अधिसूचना जारी की गई थी। अनुविभागीय अधिकारियों के पास एक से अधिक तहसीलों का प्रभाव होता है। त्रुटि सुधार के कार्य को करने हेतु अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा आवेदन प्राप्त होने पर संबंधित तहसील के तहसीलदारों से प्रतिवेदन प्राप्त किया जाता था। तहसीलदार इश्तिहार प्रकाशित कर राजस्व निरीक्षक पटवारी से जानकारी लेकर अपना प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी को प्रस्तुत करते थे। उक्त प्रक्रियाओं का पालन करने में अनावश्यक विलंब होने से आम जनता का कार्य समय पर पूर्ण नहीं हो पा रहा था।

अपर कलेक्टर अरविंद एक्का से मिली जानकारी अनुसार आम जनता को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 19 जुलाई 2024 को राजपत्र (असाधारण) में यह अधिसूचना प्रकाशित की गई कि छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता, 1959 (क्र. 20 सन 1959) की धारा 24 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा उक्त संहिता की धारा 115 के अधीन तहसीलदार को शक्तियां प्रदत्त की गई है। जिसके अंतर्गत भू स्वामी/उसके पिता/पति के नाम/उपनाम, जाति, पते में लिपिकीय त्रुटि सुधार करना, कैफियत कॉलम में की गई त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि में सुधार करना, त्रुटिवाश जोड़े गए खसरों को पृथक करना, भूमि के सिंचित/असिंचित होने संबंधी प्रविष्टि में सुधार करना तथा भूमि के एक फसली/बहु फसली की प्रविष्टि में त्रुटि सुधार करना शामिल है। इस प्रकार राजस्व अभिलेखों में लिपिकीय त्रुटियों को सुधार करने हेतु अनुविभागीय अधिकारियों के स्थान पर तहसीलदारों को अधिकृत किया गया है। जिससे राज्य शासन के मंशानुरूप लिपिकीय त्रुटियों के सुधार कार्य में तेजी आएगी एवं आमजनता को अतिशीघ्र लाभ प्राप्त होगा।

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