छत्तीसगढ़

सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणों की मृत्यु अलग-अलग कारणों से

कबीरधाम कलेक्टर को तीन अलग-अलग विभागों की संयुक्त टीम ने जांच रिपोर्ट सौपी

रायपुर। कबीरधाम जिले के बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के पारा-टोला ग्राम सरेंडा निवासी तीन ग्रामीणों की मृत्यु का कारण अलग-अलग है और एक ग्रामीण महिला की मृत्यु रायपुर डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय में हुई है। कलेक्टर जनमेजय महोबे के निर्देश पर बनी तीन सदस्यीय जांच टीम ने गुरूवार को कलेक्टर को अपनी जांच रिपोर्ट दी है। कलेक्टर के निर्देश पर सरेंडा ग्राम में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को गंभीरता से लेते हुए सभी जिले के मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी, कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश हैं कि सतत ग्रामीण क्षेत्रों को भ्रमण कर जलजनित बीमारी की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य शिविर लगाना सुनिश्चित करें और पेयजल स्रोतों में क्लोरिनेशन करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर महोबे ने बताया कि बोडला विकासखण्ड के ग्राम सोनवाही के आश्रित पारा-टोला सरेंडा में तीन ग्रामीणों की मृत्यु होने की सूचना मिली थी। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग, पीएचई और अनुविभागीय अधिकारी बोडला के साथ सरेंडा गांव का अवलोकन किया था और पीड़ित परिवारों से मिलकर उनके स्वास्थ्य परीक्षण, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति पर चर्चा की। कलेक्टर ने तीन ग्रामीणों की मृत्यु की वास्तविक कारणों की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी कवर्धा, कार्यपालन अभियंता पीएचई और अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बोडला की तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई थी। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौपी है।

जांच रिपोर्ट में बताया गया कि सरेंडा गांव में तीन ग्रामीणो की मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर ग्राम सरेंडा का भ्रमण कर मृतक के परिजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की गई। पूछताछ में बताया गया कि सरेंडा की निवासी मृतक पनकिन बाई पति नन्हुआ सिंह 75 वर्ष की थी। पिछले कुछ वर्षों से लकवा रोक से ग्रसित थी, जिसके कारण वह चलने फिरने में असमर्थ थी। धीरे-धीरे शारीरिक कमजोरी बढ़ने के कारण घर पर ही मृत्यु हो गई।  

मृतक सोमबाई पति सुमेर सिंह बैगा का उम्र 70 वर्ष की थी। पिछले दो वर्षों से लकवा ग्रस्त थी। उसे खाना खाने में बहुत तकलीफ हो रही थी। पिछले 20 दिनों से खाना भी नहीं खा पा रही थी। मृत्यु के समय उन्हे किसी भी प्रकार की अन्य बीमारी नहीं थी। इसी प्रकार मृतक अनिता बैगा पिता महासिंह उम्र 29 वर्ष की थी, वह 6 माह की गर्भवती थी। उन्हें उल्टी-दस्त बुखार एवं रक्त स्त्राव की समस्या के साथ 14 जुलाई को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झलमला में भर्ती कराया गया। स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उन्हे जिला अस्पताल कवर्धा में रिफर किया गया। जिला अस्पताल में उनका स्वास्थ्य सुधार नहीं होने के कारण उसे डॉ भींम राव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में भर्ती किया गया, उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु का कारण सेप्टीक शॉक विथ एक्यूट किडनी इन्ज्यूरी विथ सर्वेयर मेटाबूलिक एसिडोसिस एण्ड एक्यूट गैस्ट्रोएन्टेराइटिस विथ आईयूडी बताया गया है।  

कलेक्टर कबीरधाम ने बताया कि ग्राम सरेंडा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले 14 जुलाई से 17 जुलाई तक स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी महिला-पुरूषों एवं बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। स्वास्थ्य परीक्षण में ग्रामीणों को उनके स्वास्थ्य के आधार पर दवाई दी जा रही है। सरेंडा गांव और आसपास के सभी क्षेत्रों में बोडला एसडीएम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बीएमओ द्वारा लगातार भ्रमण किया जा रहा है।

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