छत्तीसगढ़

खुद के आशियाने में गृह प्रवेश कर गदगद हुआ रामसिंग कमार

कहा: प्रधानमंत्री जनमन योजना ने बदल दी उनकी दशा एवं दिशा

धमतरी। प्रधानमंत्री जनमन योजना विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसके तहत शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा-सीधा लाभ इन वर्गों को मिल रहा है। इन्हीं योजनाओं में से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने वाले मगरलोड विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खड़मा स्थित नवाडीह बसाहट के रामसिंग कमार अपने खुद के आशियाने में गदगद होकर गृह प्रवेश करते हुए कहते हैं कि प्रधानमंत्री जनमन योजना ने उनकी दशा और दिशा बदल दी है।

रामसिंग कमार बताते हैं कि प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत वर्ष 2023-24 में उन्हें आवास की स्वीकृति मिली। इसके बाद उन्हें अपने खुद के पक्के मकान की उम्मीद पूरी होती दिखाई देने लगी। उन्होंने बताया कि पहली किश्त की राशि 40 हजार रूपये मिलते ही उनकी उम्मीद पक्की होने लगी। इसके बाद ग्राम पंचायत स्तर के तकनीकी मार्गदर्शन के आधार पर आवास निर्माण कार्य शुरू किया गया और प्रगति के आधार पर जैसे-जैसे किश्त की राशि मिलती गई, वैसे-वैसे कार्यस्तर बढ़ता गया और उनके सपनों का घर पूरा तैयार कर लिया गया। इसमें अभिसरण के जरिए मनरेगा अंतर्गत 90 दिनों की मजदूरी राशि 19 हजार 890 एवं आवास की अनुदान राशि दो लाख रूपये, इस तरह कुल दो लाख 19 हजार 890 रूपये उन्हें शासन से मिले। घर में प्रवेश करते हुए रामसिंग कमार खुशी से फूला नहीं समाया। उन्होंने इसके लिए देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री का हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया कि उसके सपनों का आशियाना मिल गया।

रामसिंग कमार अपनी आपबीती सुनाते हुए बताते हैं कि वर्ष 2023 में पत्नी की मृत्यु हो जाने के बाद उनके परिवार की स्थिति काफी खराब हो गई थी तथा परिवार में 3 पुत्रों के साथ 4 सदस्यों का कच्ची झोपड़ीनुमा घर में निवास करना दूभर हो रहा था। आए दिन जंगल से कीड़े, सांप, बिच्छु इत्यादि से डर बना रहता था। इसके अलावा बारिश में पानी टपकने, बंदरों द्वारा खपरैल तोड़ने से काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था।

गौरतलब है कि मगरलोड विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खड़मा में 159 परिवार निवासरत हैं, जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि एवं वनोपज आधारित है। यहां प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत वर्ष 2016-17 से 2022-23 तक कुल 100 एवं प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत वर्ष 2023-24 में 30 परिवारों को आवास की स्वीकृति मिली है। इस तरह कुल स्वीकृत 130 आवासों में से 117 आवास पूरे कर लिए गए हैं।

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