कोरबा। छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला एक बार फिर डीज़ल और कोल माफिया की दबंगई से दहशत में है। भाजपा पार्षद दिलीप दास को लगातार घेरने, धमकाने और जान से मारने की कोशिश करने वाले गिरोह पर आखिरकार पुलिस ने शिकंजा कसा है। कुसमुंडा पुलिस ने लगातार फरार चल रहे आरोपियों को पकड़ लिया है। अब तक कुल 7 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
लेकिन यह मामला महज एक जनप्रतिनिधि को धमकी देने तक सीमित नहीं है। इसके पीछे जिले में फैला डीज़ल चोरी का नेटवर्क, राजनीतिक संरक्षण और प्रशासन की लचर पकड़ भी उजागर हो रही है।
चुनावी रंजिश से गुंडई तक
भाजपा पार्षद दिलीप दास और आरोपी अभिषेक आनंद शर्मा की रंजिश वर्ष 2025 के नगरीय निकाय चुनाव से जुड़ी है। उस चुनाव में दास मात्र दो वोट से जीत दर्ज कर पार्षद बने थे। आरोप है कि अभिषेक दिलीप को चुनाव हारने के भरसक प्रयास कर रहा था, कहा जाता है कि दिलीप के जीत के बाद से ही अभिषेक ने बदला लेने की ठान ली थी।
चुनाव हारने की कड़वाहट से शुरू हुआ विवाद जल्द ही डीज़ल चोरी के अवैध धंधे और राजनीतिक रसूख से जुड़ गया। पार्षद दास पहले भी कई बार डीज़ल चोरी के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं, जबकि आरोपी इसी नेटवर्क से जुड़ा बताया जाता है।
घटनाओं की पूरी टाइमलाइन
- 24 जुलाई 2025: देर रात डीजल चोरी का आरोपी अभिषेक आनंद अपने 7–8 साथियों के साथ पार्षद के घर पहुंचा। तलवार, रॉड और डंडों से लैस गैंग ने घर में घुसकर तोड़फोड़ की और परिवार को धमकाया।
- 2 अगस्त 2025 : कुसमुंडा उपनगर के बीचोंबीच पार्षद की कार को घेरकर हमला किया गया। पार्षद जान बचाकर थाने पहुंचे, लेकिन आरोपी थाने के बाहर भी घात लगाए बैठे थे।
- 27 अगस्त: विकास नगर में पार्षद को घेरकर गाली-गलौज की गई।
- 30 अगस्त: आदर्श विहार में फिर विवाद हुआ, जहां अभिषेक ने साफ धमकी दी— “17 दिन में तुझे मार दूंगा, 18वें दिन का सूरज तू नहीं देख पाएगा।”
इन घटनाओं के बाद पार्षद ने 1 सितंबर को एसपी सिद्धार्थ तिवारी से शिकायत की।
FIR और गिरफ्तारी
पुलिस ने कुसमुंडा थाने में एफआईआर क्रमांक 285/2025 दर्ज की। धाराएं: 115(2), 191(2), 296, 324(4), 351(2) बी.एन.एस.
नामजद आरोपी
- अभिषेक आनंद शर्मा
- घनश्याम उर्फ डिंपल वैष्णव
- अश्वनी उर्फ साबु
- संदीप शर्मा उर्फ बब्बन
- शाहिद कुजूर उर्फ बबला
- राहुल यादव
- विक्रम सिंह उर्फ विक्की
गिरफ्तारी की कार्रवाई
- पहले चरण में पुलिस ने डिंपल वैष्णव, अश्वनी साबु, संदीप शर्मा, शाहिद कुजूर और राहुल यादव को पकड़ा।
- अब पुलिस ने फरार चल रहे अभिषेक आनंद और विक्रम सिंह उर्फ विक्की को भी दबोच लिया।
- सभी आरोपियों को एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर पेश कर जेल भेज दिया गया है।
डीज़ल माफिया का दबदबा और राजनीतिक संरक्षण
कोरबा में डीज़ल चोरी कोई नया धंधा नहीं है। बड़े कोल माइंस एरिया और ट्रांसपोर्टिंग बेल्ट होने की वजह से यह इलाका लंबे समय से माफियाओं के लिए उपजाऊ जमीन रहा है। पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि डीज़ल चोरी से जुड़े कई मामले दर्ज होते हैं, लेकिन ज्यादातर में सिर्फ छोटे खिलाड़ी पकड़े जाते हैं, बड़े सरगना बच निकलते हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि डीज़ल माफिया को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि खुलेआम एक पार्षद को धमकी दी गई और कई बार हमला किया गया, फिर भी गिरफ्तारी में लंबा वक्त लगा।
कानून-व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
हाल ही में पाली क्षेत्र में कोल माफिया की गैंगवार में एक ट्रांसपोर्टर की हत्या हुई थी। अब भाजपा पार्षद पर हमले की घटनाओं ने फिर से कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग पूछ रहे हैं कि अगर एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि तक सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे होगी ?
भाजपा पार्षद और जनता की प्रतिक्रिया
पार्षद दिलीप दास ने कहा—
“ये सिर्फ मेरे ऊपर हमला नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है। गुंडई और माफियागिरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने कार्रवाई की है, लेकिन अभी भी इस पूरे नेटवर्क को तोड़ना जरूरी है।”
वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह हमला योजनाबद्ध है और इसके पीछे संगठित डीज़ल माफिया का नेटवर्क काम कर रहा है। उन्होंने प्रशासन से दोषियों को कड़ी सजा दिलाने और पार्षद की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की।
कोरबा की जनता चाहती है कि इस केस को केवल एक हमला-धमकी का मामला न मानकर, इसे जिले में फैले डीज़ल माफिया और उनके राजनीतिक रिश्तों की जड़ तक ले जाया जाए। लोगों का कहना है कि यदि इस बार प्रशासन ने सख्ती नहीं दिखाई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।

Live Cricket Info
