छत्तीसगढ़

“जब कोई साथ नहीं होता… तब ‘आगाज़ इंडिया’ साथ होता है” ‘आख़िरी सफर’ — एक संवेदनशील और मानवीय पहल

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जीवन अनमोल है। मृत्यु के बाद भी हर व्यक्ति एक गरिमामयी विदाई का अधिकारी होता है। लेकिन जब कोई बेसहारा, अज्ञात या लावारिस व्यक्ति इस दुनिया से चला जाता है और उसका अंतिम संस्कार करने वाला कोई न हो — तब क्या?

ऐसे ही मौन, अकेले और अधूरे “आख़िरी सफर” को सम्मान के साथ पूरा करने के लिए, आगाज़ इंडिया एनजीओ ने एक संवेदनशील और अनुकरणीय पहल शुरू की है —

“आख़िरी सफर”

यह सिर्फ़ एक अंतिम संस्कार नहीं, बल्कि मानवता के प्रति हमारी गहरी श्रद्धांजलि है। उन दिवंगत आत्माओं को सम्मान देना हमारा कर्तव्य है, जो बिना कोई निशान छोड़े इस दुनिया से विदा हो जाती हैं।

इस अभियान के अंतर्गत, संस्था ऐसे लोगों का उनके धर्म और परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार कर रही है, जिनका न तो कोई परिवार होता है, न कोई पहचान। यह कार्य सेवा नहीं, समाज के प्रति संवेदना और उत्तरदायित्व का प्रतीक है।


आप भी इस पुण्य कार्य में सहभागी बन सकते हैं

इस मानवीय सेवा के लिए समाज का सहयोग आवश्यक है।
चाहे कफन हो, लकड़ी हो, वाहन व्यवस्था हो, या केवल आपकी उपस्थिति — हर सहयोग इस पहल को और मजबूत करता है।

संपर्क करें:
मो. 8602228777
मो. 7000388279


आगाज़ इंडिया — हम हैं मानवता के साथ… उनके ‘आख़िरी सफर’ तक

 

 
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