न्यायधानी बिलासपुर में शिक्षा का चीरहरण ! सरकारी स्कूल में चिकन-शराब पार्टी, नशे में बच्चों को गाली – वीडियो वायरल !
बिलासपुर। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले सरकारी स्कूल में गुरुजी ही जब शराब के नशे में चूर होकर बच्चों के सामने मुर्गा पार्टी करने लगें, तो समझिए भविष्य किस दिशा में जा रहा है। मस्तूरी विकासखंड के ग्राम रहटाटोर के सरकारी प्राथमिक स्कूल में प्रधानपाठक राजेश्वर मरावी और शिक्षक मनोज नेताम की ऐसी ही करतूत अब पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुकी है।
विद्यालय समय में ही दोनों शिक्षकों ने स्कूल परिसर को दारू-मुर्गा अड्डा बना डाला। बच्चों और महिला रसोइयों के सामने शराब पीकर गालियां दीं, और स्कूल की मर्यादा को पैरों तले रौंद दिया। यह शर्मनाक वीडियो जैसे ही वायरल हुआ, पूरे इलाके में गुस्से की लहर दौड़ गई।
जानकारी के मुताबिक, 7 अक्टूबर को सामाजिक अंकेक्षण कार्यक्रम के दौरान अतिथि स्वागत के बहाने दोनों शिक्षकों ने शराब और मुर्गे की व्यवस्था की। मिड-डे मील रसोइयों से ही भोजन तैयार कराया गया, और फिर स्कूल के कार्यालय कक्ष में शराब पार्टी शुरू हो गई।
बच्चों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है — शिक्षक रोज नशे में स्कूल आते हैं, गुटखा-खैनी खाते हैं और बच्चों से झाड़ू-पोंछा लगवाते हैं।
घटना उजागर होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने दोनों शिक्षकों को निलंबित कर दिया, लेकिन यह कदम जनता के गुस्से को शांत करने के लिए काफी नहीं साबित हुआ।
जनता की मांग : सिर्फ निलंबन नहीं, जेल भेजो इनको!
ग्रामीणों और अभिभावकों ने साफ कहा —
“अगर कोई आम आदमी सरकारी दफ्तर में शराब पी ले तो एफआईआर दर्ज होती है, फिर स्कूल में बच्चों के सामने शराब पीने वालों को सिर्फ सस्पेंड क्यों ?”
लोगों ने सवाल उठाया कि यह मामला ‘सेवा से बर्खास्तगी’ और ‘एफआईआर’ का है, क्योंकि इन शिक्षकों ने न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन किया बल्कि बच्चों की मासूम मानसिकता को चोट पहुंचाई है।
ग्रामीणों का कहना है कि दोनों शिक्षकों के खिलाफ पहले भी शिकायतें की गईं, लेकिन विकासखंड स्तर के अधिकारियों ने इन्हें संरक्षण दिया।
“विष्णु का सुशासन तभी साबित होगा जब अपराधी शिक्षक सलाखों के पीछे होंगे”
गांव के लोगों ने कहा —
“सरकार अगर सच में सुशासन की बात करती है, तो अब एक्शन से भरोसा दिखाए। सिर्फ निलंबन से शिक्षा का अपमान नहीं धुल सकता।”
ग्राम यात्रा छत्तीसगढ़ न्यूज की टिप्पणी :
सरकारी स्कूल सिर्फ इमारत नहीं, समाज की आत्मा हैं। और जब वहां शिक्षक ही नशे में धुत होकर बच्चों को अपमानित करें, तो यह सिर्फ अपराध नहीं — आने वाली पीढ़ियों के भविष्य पर हमला है।
अब वक्त है कि विभाग दिखावे की जगह उदाहरण पेश करे —
👉 आरोपी शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज हो,
👉 सेवा से बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाए,
👉 और मस्तूरी ब्लॉक के शिक्षा अधिकारी से भी जवाब-तलब हो।
वरना जनता यह मान लेगी कि “विष्णु का सुशासन भी सिर्फ फरेब का नया नाम है।”



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