छत्तीसगढ़

बस्ता गांव में बना पहला व्यवहार कॉर्नर

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गांव के बच्चे स्वयं के हित में कर रहे संवाद और कार्य

 

जशपुरनगर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )। जिला प्रशासन, समग्र शिक्षा तथा यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में संचालित ‘‘रूप नहीं गुण‘‘ कार्यक्रम के अंतर्गत जिले का पहला व्यवहार कॉर्नर जशपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत बम्हनपुर के अंतर्गत ग्राम बस्ता में स्थापित किया गया है। इस अभिनव पहल का नेतृत्व स्वयं सेविका तेजल भगत द्वारा किया जा रहा है।

इस कॉर्नर में गांव के 25 से अधिक बच्चे नियमित बैठकर बाल विवाह, साइबर सुरक्षा, बच्चों की शिक्षा, सोशल मीडिया के प्रभाव और बॉडी सेफ्टी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते हैं। स्वयंसेविका तेजल भगत बच्चों को मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। ब्लॉक समन्वयक  गुरुदेव प्रसाद भी समय-समय पर गतिविधियों की समीक्षा कर आगे की योजनाओं पर कार्य करते हैं।

यूनिसेफ परियोजना के जिला समन्वयक  तेजराम सारथी ने जानकारी देते हुए बताया कि कलेक्टर  रोहित व्यास के मार्गदर्शन में जिले में 10 से अधिक व्यवहार कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे। जिसका उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित, जागरूक और सशक्त बनाना है।

समग्र शिक्षा के डीएमसी नरेंद्र कुमार सिंहा  ने स्वयंसेविका तेजल भगत के प्रयासों की सराहना करते हुए इस कॉर्नर को बच्चों के हित में एक प्रेरक पहल बताया। इस अवसर पर 12 जून को यूनिसेफ राज्य कार्यालय से बाल संरक्षण विशेषज्ञ सुश्री चेतना देसाई द्वारा बस्ता गांव का भ्रमण किया और बच्चों से संवाद किया। उन्होंने बच्चों से उनके कार्यों की जानकारी ली।

बच्चों ने उन्हें बताया कि गांव में बाल विवाह, नशा मुक्ति, शिक्षा और साइबर सुरक्षा पर जागरूकता अभियान चलाया है। बच्चों ने गांव के दीवार लेखन, जगह-जगह जन जागरूकता रैली, और घर-घर जाकर समझाइश जैसे कार्यों की भी जानकारी दी।

सुश्री देसाई ने बच्चों के प्रयासों की सराहना करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की और भरोसा दिलाया कि यूनिसेफ हर कदम पर उनके साथ खड़ा रहेगा।

 

 
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