छत्तीसगढ़

प्रशासन की तत्परता से जांजगीर-चांपा जिले में 14 बाल विवाह रोके गए

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रायपुर (ग्रामयात्रा छत्तीसगढ़ )।  जिला प्रशासन की सक्रियता और महिला एवं बाल विकास विभाग की तत्परता से जांजगीर-चांपा जिले में पखवाड़े भर में कुल 14 बाल विवाह रोके गए, जिससे नाबालिग बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो गया। कलेक्टर आकाश छिकारा के निर्देशानुसार एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, अनिता अग्रवाल के मार्गदर्शन में जांजगीर-चांपा जिले में बाल विवाह की रोकथाम का अभियान लगातार संचालित किया जा रहा है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में पुलिस विभाग के समन्वय से विभिन्न गांवों में इन बाल विवाहों को रोका गया।

इस अभियान के तहत 13 फरवरी 2025 को विकासखंड नवागढ़ के ग्राम अवरीद में एक ही दिन में 5 बाल विवाह रोके गए। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। बालक-बालिकाओं की जन्मतिथि एवं अंकसूचियों की जांच की गई, जिसमें उनकी उम्र विवाह की न्यूनतम निर्धारित आयु से कम पाई गई। विभागीय अधिकारियों ने परिजनों और स्थानीय नागरिकों को बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी दी और उन्हें समझाइश दी। समझाइश के उपरांत परिजनों की सहमति से विवाह रोक दिया गया और गवाहों के समक्ष घोषणा पत्र व राजीनामा पत्र पर हस्ताक्षर कराए गए।

गौरतलब है कि रोके गए पांच विवाहों में से तीन विवाह 18, 19 और 21 फरवरी 2025 को प्रस्तावित थे, जबकि दो विवाह दिसंबर 2025 में होने वाले थे। विवाह की तैयारियां शुरू होने से पहले ही प्रशासन की सतर्कता के चलते इन्हें रोक लिया गया, जिससे परिवारों को आर्थिक क्षति, सामाजिक अपमान और मानसिक तनाव से बचाया जा सका।

जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिता अग्रवाल का कहना है कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक कुप्रथा नहीं, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य के लिए गंभीर खतरा है। छोटी उम्र में विवाह होने से शारीरिक और मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। लड़कियों में कुपोषण, रक्त की कमी और जटिल प्रसव संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। बच्चों की शिक्षा बाधित होती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बनने से वंचित रह जाते हैं। घरेलू हिंसा, शोषण और सामाजिक असमानता की संभावना बढ़ जाती है।

अनिता अग्रवाल ने आम जनता से अपील की है कि यदि कहीं भी बाल विवाह होने की सूचना मिले, तो तत्काल विभाग को सूचित करें। समय रहते दी गई जानकारी से बच्चों के जीवन को संवारने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा है कि बाल विवाह को रोकना प्रशासन और समाज दोनों की संयुक्त जिम्मेदारी आवश्यक है। सभी नागरिकों से आग्रह है कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करने में सहयोग करें और बच्चों को एक उज्जवल भविष्य देने में भागीदार बनें।

 
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